Hindi, asked by rajakshivam093, 1 month ago

अगर कालिदास यहाँ आकर कहें कि 'अपने बहुत से सुन्दर गुणों से सुहानी लगने
वाली, स्त्रियों का जी खिलाने वाली, पेड़ों की टहनियों और बेलों की सच्ची सखी
तथा सभी जीवों का प्राण बनी हुई वर्षा ऋतु आपके मन की सब साधे पूरी करें तो
शायद स्पीति के नर-नारी यही पूछंगे कि यह देवता कौन है? कहाँ रहता है? यहाँ
क्यों नहीं आता?​

Answers

Answered by adhi200450
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Answer:

bindhi charu keliye saap keliye sandhi naka karo naka karo chintai!!

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