अगर किसी के दिल की पार्टी में कैल्शियम ऑक्सलेट जमा हो उसे साफ करने का इलाज
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सर्दियों में बाहर का तापमान कम होता है इसलिए वाष्पीकरण कम होता है, प्यास कम लगती है, लेकिन पानी कम पीने से स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यूरिन के साथ सॉल्ट भी निकल जाते हैं लेकिन पानी कम पीने से सॉल्ट के यह क्रिस्टल्स किडनी और मूत्रमार्ग के अन्य भागों में एकत्र होकर स्टोन का निर्माण कर लेते हैं । Third party image reference क्यों बनती है पथरी स्टोन के बनने का कोई निश्चित कारण नहीं है पथरी अधिकतर किडनी के फिल्टर मेकैनिज्म में खराबी आने से होती है । इस कारण यूरिन में कुछ रसायन अधिक हो जाते हैं जो जमा होकर पथरी बना देते हैं । किडनी स्टोन अधिकतर मिनरल्स और साल्ट्स से निर्मित होते हैं अधिकतर किडनी स्टोन किडनी में ही बनते हैं लेकिन यह मूत्र मार्ग में किसी भी भाग जैसे किडनी मूत्र वाहिनी या मूत्राशय को भी प्रभावित कर सकते हैं । Third party image reference पथरी से क्या हो सकती है परेशानी वैसे तो अधिकतर किडनी स्टोन किडनी में ही फंसे रहते हैं लेकिन कई बार जब यह पेशाब के साथ निकलते हैं तो मूत्रमार्ग के अन्य भागों में अटक जाते हैं जिससे संक्रमण हो सकता है यूरिन पास होने में परेशानी होती है, किडनी स्टोन के कारण पेट में बहुत दर्द होता है लेकिन अगर समय रहते इन्हें निकाल दिया जाए तो शरीर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता है । Third party image reference इन खाने की चीजों से भी होती है पथरी सर्दियों में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन काफी मात्रा में किया जाता है इससे भी शरीर में कैल्शियम ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पथरी हो सकती है इसलिए अगर आपको एक बार पथरी हो गई हो तो सर्दियों में ऐसे भोजन का सेवन कम करें जिसमें ऑक्सालेट की मात्रा अधिक हो इन में चुकंदर, पालक, शकरकंद, ड्राई फ्रूट्स, चाय, काली मिर्च और सोयाबीन उत्पादक प्रमुख है । Third party image reference इन बातों का रखें ध्यान 1) पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें । 2) नमक नॉनवेज, ड्राई फ्रूट्स आदि का सेवन भी कम करें । 3) अपना वजन ना बढ़ने दें । 4) अगर आपको डायबिटीज है तो अपने रक्त में शुगर का स्तर कम रखें । 5) नियमित रूप से व्यायाम करें । 6) अगर आपको पहले पथरी हो चुकी है तो विशेष ध्यान रखें । 7) अगर कोई लक्षण प्रकट हो तो शीघ्र ही डॉक्टर को दिखाएं ।
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सर्दियों में बाहर का तापमान कम होता है इसलिए वाष्पीकरण कम होता है, प्यास कम लगती है, लेकिन पानी कम पीने से स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यूरिन के साथ सॉल्ट भी निकल जाते हैं लेकिन पानी कम पीने से सॉल्ट के यह क्रिस्टल्स किडनी और मूत्रमार्ग के अन्य भागों में एकत्र होकर स्टोन का निर्माण कर लेते हैं । Third party image reference क्यों बनती है पथरी स्टोन के बनने का कोई निश्चित कारण नहीं है पथरी अधिकतर किडनी के फिल्टर मेकैनिज्म में खराबी आने से होती है । इस कारण यूरिन में कुछ रसायन अधिक हो जाते हैं जो जमा होकर पथरी बना देते हैं । किडनी स्टोन अधिकतर मिनरल्स और साल्ट्स से निर्मित होते हैं अधिकतर किडनी स्टोन किडनी में ही बनते हैं लेकिन यह मूत्र मार्ग में किसी भी भाग जैसे किडनी मूत्र वाहिनी या मूत्राशय को भी प्रभावित कर सकते हैं । Third party image reference पथरी से क्या हो सकती है परेशानी वैसे तो अधिकतर किडनी स्टोन किडनी में ही फंसे रहते हैं लेकिन कई बार जब यह पेशाब के साथ निकलते हैं तो मूत्रमार्ग के अन्य भागों में अटक जाते हैं जिससे संक्रमण हो सकता है यूरिन पास होने में परेशानी होती है, किडनी स्टोन के कारण पेट में बहुत दर्द होता है लेकिन अगर समय रहते इन्हें निकाल दिया जाए तो शरीर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता है । Third party image reference इन खाने की चीजों से भी होती है पथरी सर्दियों में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन काफी मात्रा में किया जाता है इससे भी शरीर में कैल्शियम ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पथरी हो सकती है इसलिए अगर आपको एक बार पथरी हो गई हो तो सर्दियों में ऐसे भोजन का सेवन कम करें जिसमें ऑक्सालेट की मात्रा अधिक हो इन में चुकंदर, पालक, शकरकंद, ड्राई फ्रूट्स, चाय, काली मिर्च और सोयाबीन उत्पादक प्रमुख है । Third party image reference इन बातों का रखें ध्यान 1) पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें । 2) नमक नॉनवेज, ड्राई फ्रूट्स आदि का सेवन भी कम करें । 3) अपना वजन ना बढ़ने दें । 4) अगर आपको डायबिटीज है तो अपने रक्त में शुगर का स्तर कम रखें । 5) नियमित रूप से व्यायाम करें । 6) अगर आपको पहले पथरी हो चुकी है तो विशेष ध्यान रखें । 7) अगर कोई लक्षण प्रकट हो तो शीघ्र ही डॉक्टर को दिखाएं ।
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