अगर मैं न्यूजपेपर होता तो के ऊपर लघुकथा
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यदी संसार मे कोइ भी धटना धटित हो जाती हे तो हमारे पास अगले दीन हमारे पास उसी खबर समाचार पत्रो के जरीये हमारे पास आ जाती हे।समाचार पत्र के बिना जिवन की कल्पना करना बहुत कठीन हो चुका हे।सुबह सबसे पहले आवश्यक वस्तु हे वो समाचार पत्र हे।समाचार पत्र हमे वर्तमान समय मे-जुडे-रखने-के-लिये-व्पापारीयो,राजनितिजयो,सामाजिकमुदो,विज्ञान,शिक्षा,दवाइयों,अभिनेताओं,मेलों,त्योहारों,तकनीकोंआदि,बेरोजगारो,खेल,अन्तरराष्ट्रीय समाचार की जानकारी हमे प्रादान करता है ।
समाचार जानने के लिये बहुत कम थे प्राचीनकाल मे साधन । अब मनुष्य कि आर्थिक स्थीती बदलती गई वेसे वेसे समाचार पत्रो को जानने कि जिज्ञासा बठती गई । बौध धर्म के सिद्धांतों को दुर दुर तक पहोचाने के लिये सम्राट अशोक ने समाचार पत्र बनवाया था । समाचार पत्र को साधु महात्मा चलते-चलते पहोचाने का कार्य करते थे ।
हमारे लिये रुचि से समाचार पत्र पठना बहुत अच्छा कार्य हे । समाचार पत्र पठना बहुत हि नियमित रुप से ओर शोकिन हो गया तो वो कभि भि समाचार पत्र पठने को नहि छोद सकते है । पिछडे हुवे देश मे अब अखबार बहुत प्रसिद्ध हो गया हे । हिंदी , अंग्रेजी, उर्दू मे अलग अलग भाषा से समाचार पत्र प्रकाशित हो गया हे । दुनिया भर कि कई कोने कि महत्वपूर्ण खबरे समाचार पत्रो के जरिये हमे मिलती रहती है
यदी मे समाचार होता तो आज मे बहुत गर्व से सभि लोग को कहता । मे सभि लोगो को देश-विदेश कि जानकारी पोहुचाता और लोगो को काम मे आ सके एसी जानकारी बताता । मे समाचार द्रारा सभि को विचारो और संदेशो को दुनिया तक पोहुचाता । सभी जानकारी को तरह-तरह के विषयो कि खबरो मे समाचार पत्र मे छापता ।