अगर नाक न होती कहानी किस विधा में लिखी गई है इसका उत्तर
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nahi pata bhi sorry.....
O अगर नाक न होती कहानी किस विधा में लिखी गई है?
➲ ‘अगर नाक ना होती’ कहानी साहित्य की व्यंग्य विधा की कहानी है।
‘अगर नाक ना होती’ कहानी साहित्य की व्यंग्यात्मक शैली विधा में लिखी गई एक व्यंगात्मक कहानी है। इस व्यंगात्मक कहानी के लेखक ‘गोपाल बाबू शर्मा’ हैं। इस कहानी में उन्होंने नाक को आधार बनाकर व्यंग कसे हैं। नाक से तात्पर्य इज्जत से होता है। उन्होंने इस कहानी में बताया है कि हमेशा आदमी को अपनी नाक यानी इज्जत की चिंता लगी रहती है। अपनी नाक बचाने के लिए वह क्या-क्या नहीं करता, चाहे उसे मुकदमेबाजी में धन खर्च करना पड़े, कर्ज लेकर विवाह या छोछक-भात जैसे कामों को करना पड़े। यहां तक कि नाक बचाने के लिये अपने किसी परिवार जन का मृत्यु भोज भी देना पड़ात। आदमी हर जगह अपना नाक को बचाने के लिए ऐसे काम भी करता है, जो उसकी सामर्थ्य से बाहर होते हैं। लेखक ने इस निबंध में नाक से संबंधित अनेक मुहावरों का प्रयोग कर लेख की सुंदरता को बढ़ा दिया है।
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