अगर औरतें भी वही करने लगी, अंग्रेजी अखबार पढ़ने लगी और पालिटिक्स वगैरह पर
बहस करने लगी तब तो हो चुकी गृहस्थी । गोपाल प्रसाद के इस कथन के द्वारा लेखक समाज
की किस स्थिति पर प्रकाश डाल रहे हैं? स्पष्ट कीजिए।
please answer guys it's urgent ..
u can give the answer in English
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अगर औरतें भी वही करने लगी, अंग्रेजी अखबार पढ़ने लगी और पालिटिक्स वगैरह पर
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