Hindi, asked by harvindersingh08873, 5 months ago

अगर त्योहार न होते तो क्या होता?????? ​

Answers

Answered by agrima2907
9

यदि त्योंहार न होते तो हमारा जीवन फीके हुए चाय की तरह लगता। हमारे जीवन आनंद हीन होता। न हम होली में रंग खेल पाते और न ही दीवाली में द्वीप जला पाते। ... इसी तरह, दीवाली हमारे जीवन के लिए नई उम्मीदों के संदेश लाती है।

Answered by pkkukreti45
2

Answer:

हमारी संस्कृति ऐसी है कि यहां चाहे इंसान के जीवन में कितनी ही जटिल स्थितियां क्यों न आएं, लेकिन उसे अकेला और उदास रहने की नौबत कभी नहीं आती। जन्म से लेकर मृत्यु तक हर खुशी और गम के मौके पर पास-पड़ोस, रिश्तेदार और दोस्त हमारे साथ खड़े होते हैं। यहां हर अवसर के लिए खास तरह की रस्में, गीत, पहनावा और खानपान देखने को मिलता है। ऐसे रस्म-रिवाज न केवल हमारी संस्कृति को अपने विविध रंगों से सजाते हैं, बल्कि ये समाज के हर वर्ग को एक-दूसरे से जोड़ने का काम बड़ी खूबसूरती से करते हैं। डॉ.हरिवंश राय 'बचन' ने अपनी आत्मकथा 'क्या भूलूं क्या याद करूं' में लिखा है, 'विवाह की रस्में कुछ इस तरह बनाई गई हैं कि इसमें समाज के हर जाति और वर्ग के लोगों की इतनी अहम भूमिका होती है कि उनके सहयोग के बिना शादी की रस्में पूरी नहीं की जा सकतीं।' दरअसल आसपास के लोग, जो हमारे सामाजिक जीवन को आसान बनाते हैं, ऐसी रस्मों के बहाने हम उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।

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