Hindi, asked by rajeshbarcyadav, 6 months ago

अगर तम किसी को चिटठी लिख रहे हो तो पते में यह
जानकारी किस क्रम में लिखोगे? गली/मोहल्ले का नाम,
घर का नंबर, राज्य का नाम, खंड का नाम,
कस्बे/शहर/गाँव का नाम, जनपद का नाम नीचे दी गई
जगह में लिखो।
2) भारतीय डाक की स्थापना किस सन में हुई?
3) हाथ से लिखी गई चिट्ठियों का हमारे जीवन में क्या
महत्व होता है?
4) लिखित दस्तावेजों के लाभ बताइए?
5) डाकिए की खूबी पर पांच वाक्य लिखिए?
6) पत्रों का प्रकार बताते हुए उनके बारे में जानकारी दीजिए?
7) पत्रों के आधुनिक रूपों के बारे में बताइए?
8) भारत सरकार ने डाक विभाग का गठन किस उद्देश्य से
किया था?​

Answers

Answered by gautamkumar90
7

Answer:

hope it's helpful for you

Answered by sweetyjindal1996sj
0

Answer:

पत्र एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम अपनी बात दुसरो तक पहुंचा सकते है।

Explanation:

(1) घर का नंबर, खंड का नाम,

गली मोहल्ले का नाम,

कस्बे/ शहर/ गांव का नाम,

जनपद का नाम

राज्य का नाम।

(2) भारतीय डाक की स्थापना १ अक्टूबर, १८५४ में हुई।

(3) हाथ से लिखी गई चिट्ठियों से जिस प्रकार का संतोष हमारे मन को मिलता है आज वह संतोष फोन में SMS पढ़कर या भेजकर नही मिलता है।

(4) एक लिखित दस्तावेज ठीक से संरक्षित भविष्य के संदर्भ के लिए एक स्थायी रिकॉर्ड बन जाता है। इसे कानूनी सबूत के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह गोपनीय और आकस्मिक संचार के लिए समय लेने वाली, महंगी और अनुपयुक्त है।

(5)डाकिए की खूबियां:

  • पोस्टमेन की ड्यूटी वाकई बड़ी मुश्किल भरी होती है। वह एक विनम्र, तथा सहनशील सरकारी कर्मचारी है।
  • डाकिया ईमानदार होते है।
  • कम वेतन पाने वाला कर्मचारी है।
  • डाकिया अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी आदि भाषाओं को आसानी से समझते हैं।
  • वह बारिश के दौरान, गर्मी के दौरान, और बहुत ठंड सर्दी में भी मुस्कुराते हुए अपना काम बखूबी करता है।

(6) पत्र के दो प्रकार होते है:

  • अनौपचारिक पत्र: यह पत्र हम अपने रिश्तेदारों, संबंधियों को लिखते है।
  • औपचारिक पत्र: यह पत्र हम कार्यालयों, अफसरों को लिखते है।

(7) पत्र लिखना महत्त्वपूर्ण ही नहीं, अपितु अत्यंत आवश्यक है। जब आप विद्यालय नहीं जा पाते, तब अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखना पड़ता है। सरकारी व निजी संस्थाओं के अधिकारियों को अपनी समस्याओं आदि की जानकारी देने के लिए पत्र लिखना पड़ता है। फोन आदि पर बातचीत अस्थायी होती है। इसके विपरीत लिखित दस्तावेज स्थायी रूप ले लेता है।

(8) अंग्रेजों ने भारत में इस सेवा की शुरुआत अपने सामजिक और व्यापारिक हितों के लिए की थी। मगर यह देश की आजादी के बाद भारतीयों के लिए सुख-दुख की साथी बन गई।

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