अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है
क्यों न इसे सबका मन चाहे
थोड़े में निर्वाह यहाँ है
ऐसी सुविधा और कहाँ है
यहाँ शहर की बात नहीं है
अपनी अपनी घात नहीं है
अनाचार का नाम नहीं है
सीधे सादे भोले भाले
हैं ग्रामीण मनुष्य निराले
एक दूसरे की ममता है
सव में प्रेममयी समता है
यद्यापि ये काले हैं तन से
पर अति ही उज्ज्वल हैं मन से
1) उपयुक्त कविता का सरल अर्थ लिखिए |
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गांव का जीवन सब के मन को भाता है। जीवन निर्वाह के लिए इनका गुजारा थोड़े में ही होता है। ऐसी सुविधा सिर्फ गांव में ही मिल सकती है। यहां शहर की बात कोई नहीं करता है। उन्हें शहरी जीवन घातक लगता है। गांव में कभी कोई अत्याचार नहीं करता है। गांव के लोग बहुत सीधे-सादे और भोले-भाले होते हैं। उन्हें एक दुसरे से बहुत प्यार है। सब मिलजुल कर प्यार से रहते हैं। उनका शरीर काला है तो क्या हुआ लेकिन वे मन से बड़े ही उज्वल और पवित्र है।
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