Hindi, asked by mamtak81305, 1 month ago


अहंकार समाप्त होने पर मनुष्य में क्या परिवर्तन आता है?​

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Answered by Anonymous
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अहंकार वह आग है, जो इनमें शामिल होकर उन्हें तप्त कर देती है। अहंकार रूपी अग्नि के कारण जीव गर्म (गर्वीला या घमंडी) होता है। मैं (स्वयं को महत्वपूर्ण समझने) का भाव जब तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, मनुष्य को मुक्ति नहींमिलती। उसकी गति बछड़े जैसी हो जाती है।

Answered by qroyal022
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अहंकार वह आग है, जो इनमें शामिल होकर उन्हें तप्त कर देती है। अहंकार रूपी अग्नि के कारण जीव गर्म (गर्वीला या घमंडी) होता है। मैं (स्वयं को महत्वपूर्ण समझने) का भाव जब तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, मनुष्य को मुक्ति नहींमिलती। उसकी गति बछड़े जैसी हो जाती है।

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