Hindi, asked by fathimahamna, 1 year ago

‘ अहिंसा ‘ पर ननबन्ध ललखिए l


KDRaika123: hy

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Answered by gorishankar2
4
अहिंसा सत्तारूढ़ सरकार का विरोध करने का अनोखा तरीका है, जिसे लेट श द्वारा सुझाया गया था। महात्मा गांधी। अहिंसा हमारे लिए नई नहीं थी, हमारे पूर्वजों ने इसे बुद्ध, चैतन्य और कई अन्य वर्षों से सीखा है। गांधी जी ने अपने पूरे जीवन में इसका अभ्यास किया और न केवल दुनिया के इस हिस्से में बल्कि पूरी धरती को बढ़ावा दिया।

हमने इसे अपने पूर्वजों से सीखा है कि अहिंसा अधिक शक्तिशाली है कि हिंसा और आज गांधी शांति, मसीह और कई अन्य लोगों का प्रचार विश्व शांति के लिए आवश्यक हो गया है। गांधीजी हमेशा मानते थे कि हिंसा या बल लंबे समय तक नहीं टिक सकता और आखिरकार अहिंसा से पहले झुक जाएगा।

आज दुनिया अशांति से पीड़ित है और कई छोटे संगठन मानवता और मानव जाति के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं। दुनिया भर के लोग पीड़ित हैं। कुछ लोग अपने हाथों में बंदूकें ले रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं। हमने एशिया, यूरोप के विभिन्न हिस्सों में हालिया हमलों को देखा है। ये लोग दूसरों पर अपनी सर्वोच्चता चाहते हैं और बदले में वे अपना जीवन बिता रहे हैं। पुलिस या सशस्त्र बलों द्वारा भी ऐसे लोगों की मौत हो रही है।

ऐसे समय में, जब विभिन्न देशों में निर्दोष लोग पीड़ित हैं; हमें वास्तव में अहिंसा की जरूरत है। हम नहीं जानते कि इस तरह की अशांति जारी रहेगी या मजबूत बल ऐसे मुट्ठी भर लोगों को मार देगा। यह मानवता और मानव जाति के अस्तित्व के लिए है और दुनिया भर में शांति प्राप्त करने के लिए, ये आतंकवादी अपनी बंदूकें छोड़ते हैं और वैश्विक समुदाय का हिस्सा बन जाते हैं।

KDRaika123: hy
fathimahamna: ??
gorishankar2: :-)
fathimahamna: ❔❔
KDRaika123: thanks Fatima for following me
fathimahamna: ??
KDRaika123: Kya
fathimahamna: ??
fathimahamna: kya
KDRaika123: kya
Answered by Anonymous
4
आज ऋषियों-मुनियों और वर्तमान के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देश में हिंसा का बोलबाला स्पष्ट नजर आता है। कोई कहता है नेहरू परिवार का नाम मिटा दो, कांग्रेस मुक्त भारत बना दो, कोई कहता लौह पुरुष सरदार पटेल के नाम को मिटाने की कोशिश की जा रही है।


कहीं पारिवारिक हत्या, आनर किलिंग, राजनीतिक हत्याएं, नारी दुष्कर्म, सांप्रदायिक दंगों में हिंसा का तांडव नृत्य, कहीं चेन झपटी जा रही है, कहीं गुंडागर्दी, कहीं गौ हत्या और अब एक नई हिंसा प्रारंभ हुई है कि जो कोई भी गऊओं को ले जा रहा हो उसको पीट-पीट कर घायल कर दो या जान से मार दो। ये कानून को हाथ में लेने वाली गैरकानूनी हिंसा। कहीं चोरी, डकैती इत्यादी के लपेट में संपूर्ण भारतवर्ष हिंसा की आग में झुलस रहा है। यह सब कुछ हमारी वैदिक संस्कृति के नष्ट प्राय: होने के कारण ही हुआ है। स्पष्ट है कि जब देश की संस्कृति नष्ट तब देश भी नष्ट एवं भ्रष्ट।

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thankyou...

#be brainly

sneha6611: Good answer
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