Hindi, asked by rishilaugh, 9 months ago

अहिंसा परमो धर्मः पर निबंध
अहिंसा और युवा पर निबंध

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Answered by Anonymous
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Answer:

आहिंसा परमो धर्म यह पूर्ण श्लोक नहीं है ।

अहिंसा परमो धर्मः

धर्म हिंसा तथैव च:

अहिंसा ही मनुष्य का परम धर्म हैं । धर्म पर जब-जब किसी प्रकार का संकट आता है तब धर्म अपने आप की रक्षा करने के लिए जो हिंसा करते हैं वह उससे भी बड़ा धर्म है ।

भगवान महावीर स्वामी जैसे अहिंसावादी महात्मा इस धरती पर आए और अहिंसा परमो धर्मा का संदेश पूरे विश्व को देकर गए ।

भगवान महावीर स्वामी

  • भगवान महावीर स्वामी का जन्म बिहार में स्थित लछुआर ग्राम में क्षेत्रीय कुंड पहाड़ियों के बीच हुआ था ।
  • यहां आज भी उनके समय कि उनके भाई के द्वारा बनवाई गई संगमरमर की शिला / मूर्ति स्थापित है। यह आदमी जैन धर्म के लोगों के लिए एक तीर्थ स्थान है।
  • भगवान महावीर स्वामी का बचपन का नाम वर्धमान था।
  • इनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ था ।
  • इनके माता का नाम त्रिशला देवी था ।
  • इनके पत्नी का नाम यशोदा था ।
  • 10 साल की कठिन तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई , तत्पश्चात वह भगवान महावीर स्वामी का कहलाए।
  • इनका पहले शिष्य इनके दामाद जमाली बने ।
  • महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे ।

Explanation:

अहिंसा और युवा

अहिंसा और युवा अगर एक हो गए युवा अगर अहिंसा को अपना लिए तो पूरे विश्व में हिंसा नाम का कोई चीज नहीं बचेगी लोग एक दूसरे से प्रेम पूर्वक और शांति के साथ रहेंगे । नाहीं इस विश्व में आतंक बचेगा , और ना ही लोगों में किसी के प्रति ईर्ष्या । सबके हृदय में बजेगा तो सिर्फ अहिंसा और प्रेम ।

लेकिन आज की युवा पीढ़ी में अहिंसा नाम की कोई चीज नहीं है । सभी लोग स्वार्थ भाव से जी रहे हैं । और अपना स्वार्थ आगे रखते हैं ।

बुद्ध और महावीर जैसे महात्मा इस धरती पर हिंसा और लोगों में फैले स्वार्थ , ईर्ष्या , द्वेष को मिटाने आए थे । उन्होंने अहिंसा का मूल मंत्र दिया और इसका पालन आज बहुत लोग और कई देश कर रहे हैं । जापान , श्रीलंका , कोरिया , बांग्लादेश , तिब्बत , नेपाल , भारत , चाइना, थाईलैंड , इंडोनेशिया और कई देशों में बौद्ध धर्म की संख्या अत्यधिक है वहां बुद्ध के विचारो का पालन अभी भी किया जाता है ।

अगर हम विश्व में शांति फिर से स्थापित करनी है तो हमें फिर से अहिंसा के रहा पर चलना पड़ेगा ।


Anonymous: Awesome keep it up
Anonymous: Great work
Answered by Anonymous
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अहिंसा परमो धर्मः

यह नारा महात्मा गांधी ने दिया था।वह अहिंसा में विश्वास करता था। कोई भी लड़ाई अहिंसा से लड़ी जा सकती है।

अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है

कई महात्मा आये और अहिंसा के मार्ग को प्रकाशित किया।वे इस बात का प्रमाण देते हैं कि अहिंसा से हम कोई भी लड़ाई लड़ सकते हैं

गांधी, दयानंद सरस्वती जैसे कई महात्माओं ने अहिंसा का मार्ग दिखाया।

अहिंसा और युवा

अगर युवा ने अहिंसा का रास्ता अपनाया तो हिंसा बंद हो जाएगीवर्तमान का युवा भविष्य का नागरिक है अगर ऐसा होता है तो लोगों के बीच की दूरी काम होगी

हर जगह प्यार होगा। कोई हिंसा नहीं होगी। एक खूबसूरत दुनिया होगी जहां हर कोई खुश रहता है, वहां आनंद ले रहा है।

महात्मा गांधी, महात्मा बुद्ध जैसे हिंसा को खत्म करने के लिए कई महात्मा धरती पर आए।

कई लोग आज भी उसके बताए रास्ते पर चलते हैं।

"विश्व में शांति बनाए रखने के लिए हमें अहिंसा को अपनाना चाहिए"

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