ऐ सखि कविता का भावार्थ लिखिए
Answers
तोता -राम भजन किए बिना न सोने वाला
नीर -जीवन और संसार के लिए अति आवश्यक
अंजन -नेत्रों की शोभा बढाने वाला
ढोल -शादी की सूचना देने वाला
Solution 2
भावार्थ : यहाँ पर दो सखियाँ आपस में बात कर रहीं हैं। पहली सखि दूसरी सखि से कहती है कि रात के समय वह हमारे पास आता है और सवेरा होते ही घर चला जाता है। यह आश्चर्य बड़ा ही अनोखा है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि क्या वह उसका साजन है? तब पहली सखि उत्तर देते हुए कहती है कि वह साजन नहीं, वह तो तारे की बात कर रही थी।
Solution 3
भावार्थ : पहली सखि दूसरी सखि से कहती है कि वह रंग-रंगीला,गुणों से भरा बहुत ही सुंदर और चमकीला है। राम-नाम का भजन गाए बिना वह कभी सोता नहीं है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि वह तुम्हारा साजन है। इस पर पहली सखि उत्तर देती है कि नहीं वह साजन नहीं वह तो तोता है।
Solution 4
भावार्थ : यहाँ पर एक सखि दूसरी सखि को बता रही है कि यदि वह नहीं आता तो ऐसा लगता है मानों सारे सुख ही बेकार हो गए हैं। उसके आते ही सारा तन-मन खुशी से झूमने लगता है। उसे सीने से लगाने से तो ठंडक ही मिल जाती है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि कही वह अपने साजन की बात तो नहीं कर रही है। इस पर पहली सखि उत्तर देती हैं कि वह साजन नहीं बल्कि पत्र की बात कर रही है।
Answer:
कविता का भावार्थ =कविता का भावार्थ ऐसा होना चाहिए ताकि उससे कविता के शब्दों के साथ उसके भाव का भी मतलब पुरे तरीके से स्पष्ट हो सके।
Explanation:
तोता -राम भजन किए बिना न सोने वाला
नीर -जीवन और संसार के लिए अति आवश्यक
अंजन -नेत्रों की शोभा बढाने वाला
ढोल -शादी की सूचना देने वाला
समाधान 2
भावार्थ : यहाँ पर दो सखियाँ आपस में बातचीत कर रहीं हैं। पहली सखि दूसरी सखि से कहती है कि रात के समय वह हमारे पास आता है और सवेरा होते ही घर चला जाता है। यह आश्चर्य बड़ा ही अनोखा है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि क्या वह उसका साजन है? तब पहली सखि उत्तर देते हुए कहती है कि वह साजन नहीं, वह तो तारे की बात कर रही थी।
समाधान 3
भावार्थ : पहली सखि दूसरी सखि से कहती है कि वह रंग-रंगीला,गुणों से भरा बहुत ही सुंदर और चमकीला है। राम-नाम का भजन गाए बिना वह कभी सोता नहीं है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि वह तुम्हारा साजन है। इस पर पहली सखि उत्तर देती है कि नहीं वह साजन नहीं वह तो तोता है।
समाधान 4
भावार्थ : यहाँ पर एक सखि दूसरी सखि को बता रही है कि यदि वह नहीं आता तो ऐसा लगता है मानों सारे सुख ही बेकार हो गए हैं। उसके आते ही सारा तन-मन खुशी से झूमने लगता है। उसे सीने से लगाने से तो ठंडक ही मिल जाती है। इस पर दूसरी सखि पूछती है कि कही वह अपने साजन की बात तो नहीं कर रही है। इस पर पहली सखि उत्तर देती हैं कि वह साजन नहीं बल्कि पत्र की बात कर रही है।