ऐल्किल क्लोराइड की जलीय KOH से अभिक्रिया द्वारा ऐल्कोहॉल बनती है लेकिन ऐल्कोहॉलिक KOH की उपस्थिति में ऐल्कीन मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। समझाइए।
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Answer:In an aqueous solution, KOH almost completely ionizes to give OH - ions. OH - ion is a strong nucleophile, which leads the alkyl chloride to undergo a substitution reaction to form alcohol.
On the other hand, an alcoholic solution of KOH contains alkoxide (RO - ) ion, which is a strong base. Thus, it can abstract a hydrogen from the β-carbon of the alkyl chloride and form an alkene by eliminating a molecule of HCl.
OH - ion is a much weaker base than RO - ion. Also, OH - ion is highly solvated in an aqueous solution and as a result, the basic character of OH - ion decreases. Therefore, it cannot abstract a hydrogen from the β-carbon.
ऐल्किल क्लोराइड की जलीय KOH से अभिक्रिया द्वारा ऐल्कोहॉल बनती है लेकिन ऐल्कोहॉलिक KOH की उपस्थिति में ऐल्कीन मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है क्योंकि-
• KOH का जलीय विलयन करने पर KOH सम्पूर्ण रूप से विश्लेषित हो जाता है और OH-आयन देता है, जो कि एक शक्तिशाली नाभिकरागी है।
• OH- आयन का अल्काइल हैलाईड के साथ प्रतिस्थापन अभिक्रिया करने पर अल्कोहल बनाता है।
• जलीय द्रबन में OH- से भी शक्तिशाली क्षारक अल्कोसाइड आयन (KO-) आयन रहता है। इसलिए OH- आयन P कार्बन से हाइड्रोजन निकालकर अल्कीन उत्पन्न नहीं कर सकता।
• और अल्कोसाइड आयन शक्तिशाली क्षारक होने के कारण हाइड्रोक्लोराइड(HCl) से 1 अनु निकालकर अल्कीन बनाता है।