ऐन फ्रैंक की डायरी को एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज क्यों माना जाता है?
Answers
यह इतनी चर्चित कहानी है कि इसके बारे में ज़्यादा बताने की जरूरत नहीं है.
6 जुलाई 1942 को एना फ़्रैंक को एक डायरी मिली, लेकिन एक महीने के भीतर ही उन्हें, उनके पिता ओटो, मां एडिथ और बड़ी बहन को एम्स्टर्डम के एक गुप्त स्थान पर छिपने के लिए बाध्य होना पड़ा.
ये वही डायरी थी जो एना की मौत और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुई. यु्द्ध (1939-1945) के दौरान नाज़ियों के यहूदियों पर किए गए अत्याचारों और जनसंहार का भी यह एक अहम दस्तावेज़़ है.
जब एना का परिवार एम्सटर्डम पहुँचा तो उनके साथ एक अन्य यहूदी परिवार रहने आया. इसमें हरमन (ओटो के साथी), ऑगस्ट वान पेल्स और उनका बेटा पीटर, फ्रिट्ज पेफर (वान पेल्स के दांतों के डाक्टर) थे.
ये सभी आठ लोग दो वर्ष और एक महीना तक (अगस्त 1944 तक) छिपे रहे जब इनके बारे में नाज़ियों को जानकारी मिल गई और उनको जबरन वहां से निकालकर यहूदियों के लिए बनाए गए यातना शिविरों में भेज दिया गया.
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उत्तर:-
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ऐन फ्रैंक की डायरी एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है। यह डायरी दो साल के अज्ञातवास के दौरान लिखी गई। 12 जून, 1942 को उसके जन्मदिन पर सफ़ेद व लाल कपड़े की जिल्द वाली नोटबुक उसे उपहार के तौर पर मिली थी। तभी से उसने एक गुड़िया किट्टी को संबोधित करके लिखनी शुरू की। तब तक गोपनीय जीवन शुरू नहीं हुआ था। महीने भर के अंदर उन्हें अज्ञातवास झेलना पड़ा।
ऐन का डायरी लिखना जारी रहा। उसने आखिरी हिस्सा पहली अगस्त, 1944 को लिखा जिसके बाद वह नाजी पुलिस के हत्थे चढ़ गई। यह डायरी इतिहास के एक सबसे आतंकप्रद और दर्दनाक अध्याय के साक्षात अनुभव का बयान करती है। ऐन फ्रैंक उस दर्द की साक्षात भोक्ता थी। वह संवेदनशील थी।
उसकी उम्र आने वाले दूषणों से भी पूरी तरह अछूती थी। इस डायरी में भय, आतंक भूख, प्यार, मानवीय संवेदनाएँ प्रेम, घृणा, बढ़ती उम्र की तकलीफें हवाई हमले के डर, पकड़े जाने का लगातार डर, तेरह साल की उम्र के सपने कल्पनाएँ बाहरी दुनिया से अलग-थलग पड़ जाने की पीड़ा, मानसिक और शारीरिक जरूरतें, हँसी-मज़ाक, युद्ध की पीड़ा, अकेलापन सभी कुछ है। यह डायरी यहूदियों पर ढाए गए जुल्मों का एक जीवंत दस्तावेज है।
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