ऐसा है आवेश देश में जिसका पार नहीं। .... देखा माता का ऐसा रक्तिम श्रृंगार नहीं। कंठ-कंठ में गान उमड़ते माँ के वंदन के। .... कंठ-कंठ में गान उमड़ते माँ के अर्चन के। शीश-शीश में भाव उमड़ते माँ पर अर्पण के। .... प्राण-प्राण में भाव उमड़ते शोणित तर्पण के। जीवन की धारा में देखी ऐसी धार नहीं। .... सत्य अहिंसा का व्रत अपना कोई पाप नहीं। विश्व मैत्री का व्रत भी कोई अभिशाप नहीं। .... यही सत्य है सदा असत की टिकती चाप नहीं। सावधान हिंसक! प्रतिहिंसा की कोई माप नहीं। .... कोई भी प्रस्ताव पराजय का स्वीकार नहीं। ऐसा है आवेश देश में जिसका पार नहीं।पद्यांश में ‘माता’ का प्रतीक है–
Answers
Answered by
0
Answer:
swary i don't no this language
Similar questions
Economy,
19 days ago
Geography,
19 days ago
Environmental Sciences,
19 days ago
English,
1 month ago
Social Sciences,
1 month ago