Hindi, asked by Rishitanawal1653, 1 year ago

ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।


Aarohijaiswal: yess

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Answered by nikitasingh79
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लेखक के बस के अंदर बैठने के कुछ देर बाद इंजन चालू हुआ तो ऐसा लगा मानो सारी बस इंजन के समान धक धक कर हिलने-डुलने लगी हो। लेखक यह सोचने पर विवश हो गया कि वह बस में बैठा है यह इंजन के अंदर। सारी बस पूरी तरह से हिल रही थी जो उसकी सोच को पूर्णतः सच कर रही थी।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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