Hindi, asked by kulwinderbutala00, 6 months ago

ऐसी लाल तुझ बिन कौन करे पंक्ति का भाव स्पष्ट करें​

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Answered by nisha02345
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ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै / रैदास

रैदास »

ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ।

गरीब निवाजु गुसाईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥

जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ।

नीचउ ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥

नामदेव कबीरू तिलोचनु सधना सैनु तरै ।

कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै ॥

व्याख्यान :

हे प्रभु ! तुम्हारे बिना कौन ऐसा कृपालु है जो भक्त के लिए इतना बडा कार्य कर सकता है । तुम गरीब तथा दिन – दुखियों पर दया करने वाले हो । तुम ही ऐसा कृपालु स्वामी हो जो मुझ जैसे अछूत और नीच के माथे पर राजाओं जैसा छत्र रख दिया । तुम मुझे राजाओं जैसा सम्मान प्रदान कर दिया । मैं अभाग हूँ । मुझ पर तुम्हारी कृपा असीम है । तुम मुझ पर द्रवित हो गए । हे स्वामी तुमने मुझ जैसे नीच प्राणी को इतना उच्च सम्मान प्रदान किया । तुम्हारी दया से नामदेव , कबीर जैसे जुलाहे , त्रिलोचन जैसे सामान्य , सधना जैसे कसाई और सैन जैसे नाई संसार से तर गए । उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया । रैदास कह्ते हैं – हे संतों , सुनो ! हरि जी सब कुछ करने में समर्थ हैं । वे कुछ भी सकते हैं ।

Answered by MissMiracle12
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Answer:

भगवान को लाल कहा है कि भगवान ही सबका कल्याण करता है इसके अतिरिक्त कोई ऐसा नहीं है जो गरीबों को ऊपर उठाने का काम करता हो।

Explanation:

Answer by @Missmiracle12 ❤️

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