'ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै' का भाव है-
(क) जैसी कृपा ईश्वर अपने भक्तों पर करते हैं, वैसी कोई नहीं कर सकता।
(ख) जैसी कृपा ईश्वर अपने भक्तों पर करते हैं, वैसी सभी करते हैं।
(ग) जैसी कृपा ईश्वर अपने भक्तों पर करते हैं, वैसी सभी लोग नहीं करते।
(घ) जैसी कृपा ईश्वर अपने भक्तों पर करते हैं, वैसी देवता भी करते हैं।
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'ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै' का भाव है-
(क) जैसी कृपा ईश्वर अपने भक्तों पर करते हैं, वैसी कोई नहीं कर सकता।
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