ऐसा सुसमय भला और तुम कब पाओगे, खोकर पीछे इसे सर्वथा पछताओगे। ?
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इस कविता कि पंक्तियों में कवी यह समझाने का प्रयास कर रहा है कि अभी कुछ नही बिगड़ा है अर्थात अभी समय नहीं निकला है तुम्हारे पास बहुत समय है तुम जो भी करना है उसे पूरे मन से पूरी लगन से और पूरी मेहनत से करो खुद पर विशवास रखो , अपने मन से संदेह को भाग दो अर्थात अपने मन डर को निकाल दो और खुद पर विश्वास रखो की तुम कुछ भी कर सकते हो |तुम जो भी करना चाहते हो उसे अभी इसी समय में कर लो क्यूंकि यह उचित समय है अगर यह एक बार यह तुम्हारे हाथ से निकल गया तो दुबारा नहीं आएगा और फिर तुम पछताओगे |
तुम समय को महत्वहीन मत समझो इसके महत्व को पहचानो | कवि कहते हैं यह जीवन पल पल से बना है इसके महत्व को पहचानो | तुम्हारा जन्म तभी सफल होगा जब तुम कुछ ऐसा काम करोगे जिसमें भलाई हो पर वह स्वजनों के लिए न होकर दूसरों के लिए हो और ऐसा करनें में तुम भी सुख प्राप्त करोगे | इन पंक्तियों में कवि नें समय के महत्व को बताया है |