Hindi, asked by aryanimje00, 1 month ago

ऐसी स्टोरी जो गूगल पर ना हो​

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Answered by ayushyadavshivi88
1

Answer:

hmm ...

I have ...

Explanation:

can you want to take it from me

Answered by moryarajendra166
4

मेहनत के फल

लालचंद गांव में एक सेवक नाम का आदमी अपने परिवार के साथ रहता था। वह बहुत आलसी था। वह कुछ भी काम नहीं करता था। उसकी पत्नी दूसरों के घर जाकर बर्तन साफ करके अपने परिवार का गुजारा करती थी।सेवक कुछ भी काम करने के लिए सोचता था लेकिन जब वह उस काम को करने को जाता था तो वह सोचता था कि यह काम पूरा होगा कि नहीं। मैं कर पाऊंगा कि नहीं उसके मन में यह प्रश्न होते थे।‌जिसके कारण वह कुछ भी काम नहीं करता था। एक बार उस गांव में एक साधु बाबा आए वह सब के घर जाकर भिक्षा मांग रहे थे जब सेवक के घर आए तो उसकी पत्नी आकर बोली बाबा मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैं आपको क्या दूं? मेरे पति कुछ भी काम नहीं करते हैं। मैं तो दूसरों के घर जाकर बर्तन साफ करके अपने बच्चों का गुजारा करती हूं। बाबा बोले अपने पति को बुलाओ अरे सुनते हो जी बाबा आए हैं पत्नी ने कहा। वह घर के बाहर आया तो बाबा को प्रणाम किया बाबा ने पूछा तुम्हारा नाम क्या है? वह बोला मेरा नाम सेवक है। बाबा बोले कि बेटा तुम काम क्यों नहीं करते? सेवक बोला बाबा मैं काम करने के लिए जाता हूं तो मेरे मन में अनेक प्रकार के प्रश्न उठते हैं। जिनके कारण मेरा मन काम में नहीं लगता है। बाबा बोले कुछ भी प्रश्न क्यों ना हो तुम पूरे मन लगाकर काम करो मेहनत करो तुम हर काम में सफलता प्राप्त कर सकते हो। बाबा ने कहा कि कोई भी काम के लिए 90% कड़ी मेहनत 5% बुद्धि और 5% सहयोग की आवश्यकता होती है। सेवक के दीवार पर चींटी चल रही थी वह बार-बार फिसल जा रही थी लेकिन वह कोशिश करती रहती थी बाबा ने उन दीवार पर चढ़ते हुए चीटियों को दिखाकर सेवक से बोलते हैं। बेटा यह देखो चींटी बार-बार फिसल रही है। लेकिन यह कोशिश कर रही हैं चढ़ने के लिए। तुम भी मेहनत करो तुम्हें सफलता अवश्य मिलेगी इतना कह कर बाबा चले जाते हैं। दूसरे दिन वह काम पर जाता है वह काम करने के लिए शुरू करता है। लेकिन फिर करने का मन नहीं लगता तब वह बाबा के बातों को याद करता है। फिर वह काम को मेहनत और लगन से करने लगता है। वह इस काम में सफल हो जाता है। ऐसे ही वह धीरे-धीरे रोज काम पर जाता और वह काम पूरा करता। उससे पैसे मिलते और उसकी पत्नी को दूसरों के बर्तन साफ करना नहीं पड़ता था। वह अच्छी तरह से रहने लगे। वह और उसकी पत्नी बहुत खुश थे। वह सब अच्छा खाना खाने लगे। यह है मेहनत का कमाल आप भी मेहनत करें सफलता अवश्य प्राप्त होगी ।

Explanation:

यह कहानी मैंने खुद से लिखी है ।

यह कहानी आपको गूगल पर कहीं नहीं मिलेगी

अच्छा लगा तो मार्क करो

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