Aise saari bas hi injan hai aur hum injan ke bhitar bethe hain lekhak ko aisa kyo laga
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लेखक के अनुसार से बस बहुत ही पुरानी थी। बस की हालत ऐसी थी कि कोई वृद्ध अपनी उम्र के चरम में था। उसको देखकर लेखक के मन में श्रद्धा जागृत हो रही थी। ... इससे पूरी बस हिल रही थी, इसलिए उन्हें लगा की सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।
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