Hindi, asked by sjat85420, 2 days ago

अज्ञेय की कविता असाध्य वीणा का केन्दीय भाव लिखिए

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Answered by jhamaya913
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Answer:

'असाध्य वीणा' लंबी कविता में 'किरीट तरु' परम सत्ता का प्रतीक है और 'प्रियंवद' व्यक्ति सत्ता का। ... अज्ञेय के यहाँ इस लंबी कविता में प्रियंवद(व्यक्ति सत्ता) एक लंबी साधना प्रक्रिया से गुजरता है। वह अपने आत्म(I) को उस परम सत्ता(thou) में विलीन कर देता है। इसलिए आत्म विसर्जन के जरिये वह स्वयं को परम सत्ता से जोड़ देता है।

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