Hindi, asked by rinkuadhikary74, 9 months ago

अज्ञेय नई कविता के प्रतिनिधि कवि है विवेचना कीजिए​

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Answered by shambhavi1634
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Answer:

नयी कविता अनेक अर्थों में प्रयोगवाद का विकास मानी जाती है। उसने प्रयोग की अनेक उपलब्धियों को आत्मसात् किया है। ऐतिहासिक दृष्टि से नयी कविता ’दूसरा सप्तक’ (1951) के बाद की कविता को कहा जाता है।

नयी कविता अनेक अर्थों में प्रयोगवाद का विकास मानी जाती है। उसने प्रयोग की अनेक उपलब्धियों को आत्मसात् किया है। ऐतिहासिक दृष्टि से नयी कविता ’दूसरा सप्तक’ (1951) के बाद की कविता को कहा जाता है।जहाँ तक ’नयी कविता’ के नामकरण का प्रश्न है तो ’नई कविता’ नाम भी अज्ञेय द्वारा ही दिया गया है। सन् 1952 ई. में पटना रेडियो से उन्होंने इसकी घोषणा की थी।

लक्ष्मीकांत वर्मा के अनुसार नयी कविता(nayi kavita) मूलतः 1953 ई. में ’नये पत्ते’ के प्रकाशन के साथ विकसित हुई

लक्ष्मीकांत वर्मा के अनुसार नयी कविता(nayi kavita) मूलतः 1953 ई. में ’नये पत्ते’ के प्रकाशन के साथ विकसित हुईजगदीश गुप्त तथा रामस्वरूप चतुर्वेदी के संपादन में प्रकाशित होने वाले संकलन ’नई कविता’ (1954 ई.) में सर्वप्रथम अपने समस्त संभावित प्रतिमानों के साथ प्रकाश में आयी।

लक्ष्मीकांत वर्मा के अनुसार नयी कविता(nayi kavita) मूलतः 1953 ई. में ’नये पत्ते’ के प्रकाशन के साथ विकसित हुईजगदीश गुप्त तथा रामस्वरूप चतुर्वेदी के संपादन में प्रकाशित होने वाले संकलन ’नई कविता’ (1954 ई.) में सर्वप्रथम अपने समस्त संभावित प्रतिमानों के साथ प्रकाश में आयी।1954 ई. में प्रयाग के ’साहित्य सहयोग’ नामक सहकारी संस्थान ने नयी कविता का प्रकाशन किया। इसी नई काव्यधारा को उन प्रतिमानों को लेकर विकसित किया गया, जो तत्कालीन भाव-बोध को वहन करते हुए सर्वथा नयी दृष्टि के साथ अवतरित हो रहे थे। नयी कविता(nayi kavita) का मूल स्रोत उस युग-सत्य और युग यथार्थ में निहित है।

लक्ष्मीकांत वर्मा के अनुसार नयी कविता(nayi kavita) मूलतः 1953 ई. में ’नये पत्ते’ के प्रकाशन के साथ विकसित हुईजगदीश गुप्त तथा रामस्वरूप चतुर्वेदी के संपादन में प्रकाशित होने वाले संकलन ’नई कविता’ (1954 ई.) में सर्वप्रथम अपने समस्त संभावित प्रतिमानों के साथ प्रकाश में आयी।1954 ई. में प्रयाग के ’साहित्य सहयोग’ नामक सहकारी संस्थान ने नयी कविता का प्रकाशन किया। इसी नई काव्यधारा को उन प्रतिमानों को लेकर विकसित किया गया, जो तत्कालीन भाव-बोध को वहन करते हुए सर्वथा नयी दृष्टि के साथ अवतरित हो रहे थे। नयी कविता(nayi kavita) का मूल स्रोत उस युग-सत्य और युग यथार्थ में निहित है।प्रयोगवाद के अनेक कवियों ने प्रयोग को ही कविता का साध्य मान लिया इसलिए 1950 ई. के बाद एक समय प्रयोगवादी कहे जाने वाले कवियों ने ही प्रयोगवाद को नयी कविता की उदार और सहज अन्तर्धारा में विलयित कर दिया।

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Answered by Chaitanya1696
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हमें एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए दिया गया है जो है ' अज्ञेय नई कविता के प्रतिनिधि कवि है विवेचना कीजिए​ 'I

  • अज्ञेय  का पूरा नाम  सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' है I
  • अज्ञेय ने कविता, कहानी, उपन्यास, निबन्ध, जैसी  लगभग सभी विधाओं में अपनी सर्जनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया।
  • अज्ञेय को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं।  
  • बहुआयामी व्यक्तित्व के एकान्त मुखी प्रखर कवि होने के साथ-साथ वे एक अच्छे फोटोग्राफर और सत्यान्वेषी पर्यटक भी थे।
  • आज तक उनका नाम बहुत प्रसिद्ध है I

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