अजेयता का गुण संमझाइये।
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sry dont know hindi......................
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इंसानों में ये चार गुण होते है जन्मजात, क्योंकि सिखाने से भी नहीं सीख सकते आप
सतना। आचार्य चाणक्य द्वारा कहीं गई कई बातें कलयुग में सच होती दिखाई दे रही है। चाणक्य नीति में आचार्य कहते है कि दान देना और धैर्य रखना, मीठा बोलना, निर्णय लेना कभी भी नहीं सिखाया जा सकता है। ये 4 गुण इंसानों के अंदर जन्मजात होते हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई ऐसी बातें बताई थी जो किसी भी व्यक्ति को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फिर चाहे वह कार्य क्षेत्र हो अथवा व्यवहारिक जीवन। इन बातों को अपनाकर विजय पाई जा सकती है। जो भी इंसान चाणक्य की इन नीतियों को अपने जीवन पर उतार ले। वह सुखी-सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है।
1- सबसे मीठा बोलना
मीठा बोलना इंसान का सबसे बढिय़ा गुण माना गया है। यह गुण भी मनुष्य के स्वभाव में होता है किसी को मीठा बोलना कभी भी सिखाया नही जाता है।
2- दानी होना
दान देना ज्यादातर व्यक्ति के स्वभाव में होता है। यह किसी भी इंसान नहीं सिखाया जा सकता है। यह आदत उस इंसान के अंदर में होती है।
3- धैर्य बनाए रखना
धैर्य रखना मनुष्य का सबसे अच्छा गुण माना जाता है। कठिन समय में अपने धैर्य को बनाए रखना से इंसान बुरे समय से निकल जाता है, लेकिन धैर्य को सिखाया नहीं जा सकता है। यह गुण व्यक्ति के जन्म के साथ ही होता है।
4- निर्णय लेने की क्षमता
किसी भी व्यक्ति को निर्णय लेना कभी नही सिखाया जा सकता है। जो व्यक्ति उचित समय पर सही निर्णय लेता है, वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।