History, asked by manishmathur8287, 5 months ago

अकेले-अकेले कहां जा रहे हो कोनसा अलंकार है​

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Answered by bhatiamona
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अकेले-अकेले कहाँ जा रहे हो, में ‘पुनरुक्ति प्रकाश’ अलंकार है।

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार’ में किसी शब्द की लगातार दो बार आवृत्ति की जाती है, हालांकि शब्द का दोनों बार अर्थ समान ही होता है, लेकिन यह किसी काव्य में प्रभाव उत्पन्न करने के लिए इसका लगातार दो बार वर्णन किया जाता है। इस कारण काव्य की वह पंक्ति प्रभावशाली दिखाई पड़ती है।

ऊपर दिए गए पंक्ति में ‘अकेले-अकेले’ का लगातार दो बार उपयोग किया गया है, इस कारण यहां पर पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

कुछ अन्य उदाहरण...

जैसे...

मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।

या

विहग-विहग

फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज

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0

Answer:

it's wrong answer

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