अक्सन्स क्या है वह जीभ
को घुमाने वाली तंत्रिका का नाम प्रकृति उद्भव तथा वितरण यंत्र लिखिए
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जीभ मुख के तल पर एक पेशी होती है, जो भोजन को चबाना और निगलना आसान बनाती है। यह स्वाद अनुभव करने का प्रमुख अंग होता है, क्योंकि जीभ स्वाद अनुभव करने का प्राथमिक अंग है, जीभ की ऊपरी सतह पेपिला और स्वाद कलिकाओं से ढंकी होती है। जीभ का दूसरा कार्य है स्वर नियंत्रित करना। यह संवेदनशील होती है और लार द्वारा नम बनी रहती है, साथ ही इसे हिलने-डुलने में मदद करने के लिए इसमें बहुत सारी तंत्रिकाएं तथा रक्त वाहिकाएं मौजूद होती हैं। इन सब के अलावा, जीभ दातों की सफाई का एक प्राकृतिक माध्यम भी है।
पेशीय संरचना
जीभ में 4 अंतःस्थ तथा 4 बाह्यस्थ पेशियां होती हैं।
जीभ की अंतःस्थ पेशियां
"अंतःस्थ" का अर्थ होता है कि ये पेशियां हड्डियों से जुड़ी नहीं होती. ये जीभ का आकार बदलने के लिए कार्य करते हैं।
1. सुपीरियर लॉगिट्यूडिनल फाइबर: ये जीभ को छोटा करते हैं।
2. इंफीरियर लॉगिट्यूडिनल फाइबर: ये जीभ को छोटा करते हैं।
3. वर्टिकल फाइबर: ये जीभ को चौड़ा तथा चपटा करते हैं।
4. ट्रांसवर्स फाइबर: ये जीभ को संकरा और लंबा बनाते हैं।
जीभ की एक्सट्रिंसिक पेशियां
ये जीभ की स्थिति को बदलने के लिए कार्य करती है
1. जेनिग्लोसस
2. हाइग्लोसस
3. स्टाइग्लोसस
4. पैलैटोग्लोसस
संवहनी संरचना
मानव जीभ के नीचे
जीभ को रक्त की आपूर्ति लिंगुअल धमनी से की जाती है, जो एक्सटर्नल कैरोटिड आर्टरी की एक शाखा होती है। मुख के तल में लिंगुअल धमनी से भी रक्त की आपूर्ति होती है। डाइजेस्ट्रिक पेशी के इंटरमीडिएट टेंडन, माय्लॉयड पेशी के पश्च किनारे एवं हाइपोग्लोसल तंत्रिका द्वारा निर्मित त्रिभुज ‘पाइरोगोव्स’, ‘पाइरोगोफ्स’ या ‘पाइरोगोव- बेल्क्लार्ड की त्रिभुज कहलाती है। अंदर के क्षेत्र लिंगुअल धमनी क्षेत्र होता है, जो जीभ से अनियंत्रित रक्तस्राव को रोकने का बेहतर स्थान होता है।
जीभ में सेकंडरी रक्त सप्लाइ भी होती है, जो फेशियल धमनी के टॉन्सिलर शाखाओं से तथा एसेंडिंग फैरेंगियल धमनी से की जाती है।
तंत्रिकाओं की आपूर्ति संपादित करें
जीभ के अग्र 2/3 के लिए स्वाद की अनुभूति फेशियल तंत्रिका (कोर्डा टिम्पैनी CN7) द्वारा होती है। अग्र 2/3 की सामान्य अनुभूति लिंगुअल तंत्रिका द्वारा होती है, जो ट्राइगेमिनल तंत्रिका CN V के V3 की एक शाखा होती है।
पश्च 1/3 के स्वाद तथा सामान्य अनुभूति ग्लोफैरिंगियल तंत्रिका (CN 9) द्वारा मिलती है।
सिवा एक एक्सट्रिंसिक पेशी- प्लैटोग्लोसस को छोड़कर, जिसमें फैरिंगियल प्लेक्सस के CN10 की तंत्रिकाएं होती हैं, जीभ की सभी अंतःस्थ तथा एक्सट्रिंसिक पेशियों में हाइपोग्लोसल तंत्रिका (CN 12), की आपूर्ति होती है।