Hindi, asked by ghadiyalimohammed53, 6 months ago

अक्सर हम या तो गुजरे हुए दिनों की खट्टी मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने
देखते रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में। असल में दोनों काल मिथ्या हैं । एक
चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण हैं, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए
| चाय पीते पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत और भविष्य दोनों काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण
सामने था और वह भी अनंत काल जितना विस्तृत था |जीना किसे कहते हैं, उस दिन मालूम हुआ |
झेन परंपरा की यह बड़ी देन मिली है जापानियों को।
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(क) अक्सर हम किन बातों में उलझे रहते हैं ?
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Answered by alina7182
2

Answer:

गुजरे हुए दिनो की खट्टी मीठी यादो मे उलझे रहते है

Answered by franktheruler
1

अक्सर हम या तो गुजरे हुए दिनों की खट्टी मीठी यादों में उलझे रहते है या भविष्य के रंगीन सपने देखते है

  • लेखक के कहने का तात्पर्य यह है कि हम कभी भी वर्तमान में नहीं जीते।
  • हमें जो कुछ भगवान ने दिया है उससे कभी भी संतुष्ट नहीं रहते।
  • हम या भूतकाल में जीते है कि यह हुआ, यह बात नहीं होती तो कितना अच्छा होता। कभी भविष्य में चले जाते है कि हम ऐसे करेंगे वैसे करेंगे।
  • भविष्य की चिंता में हम वर्तमान को नहीं जी पाते।
  • लेखक जापानी लोगो की झेन जाति के बारे में कहते है कि झेन प्रजाति के लोग चिंतन छोड़कर कुछ समय सुकून से जीने के लिए चाय एक खास तरीके से पीते है , उस वक्त वे किसी भी बात का विचार नहीं करते। एक कमरे में केवल चार व्यक्ति चाय पीते है।
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