अकाश में घने बादल छा गए हैं। आसमान में हलका-हलका अंधकार छा गया है। बादलों को देख
मलके मन में कितनी आशाएँ उठने लगी हैं। धरती पर हरी-भरी फसल लहराएगी। पर्याप्त अन उमजेगा।
एक, रसहीन पत्तों में नव-जीवन का संचार होगा। सभी प्राणी झूम उठेंगे। अकेला पपीहा ही नहीं, हर
सवासी इंद्र देवता को धन्यवाद देगा। आज हमारा सपना साकार हो गया।
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अकाश में घने बादल छा गए हैं। आसमान में हलका-हलका अंधकार छा गया है। बादलों को देख
मलके मन में कितनी आशाएँ उठने लगी हैं। धरती पर हरी-भरी फसल लहराएगी। पर्याप्त अन उमजेगा।
एक, रसहीन पत्तों में नव-जीवन का संचार होगा। सभी प्राणी झूम उठेंगे। अकेला पपीहा ही नहीं, हर
सवासी इंद्र देवता को धन्यवाद देगा। आज हमारा सपना साकार हो गया।
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