अक्षांश संबंध नसलेला प्राथमिक व्यवसाय कोणता
Answers
Answer:
आखेट :-
यह उद्यम विश्व का सबसे प्राचीन उद्यम माना जाता है। इसमें सबसे कम व्यक्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन अन्य किसी आर्थिक क्रिया की अपेक्षा अधिक क्षेत्र की आवश्यकता होती है। इस व्यवसाय में जीवनयापन न्यूनतम आधार पर संभव है। आखेट की प्रक्रिया अपनाते हुए व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर भोजन, वस्त्र एवं निवास के लिए साधन जुटाते हैं। अतिशीत व अत्यधिक गर्म प्रदेशों में रहने वाले लोग आखेट द्वारा जीवन यापन करते हैं। यह कार्य कठोर जलवायु दशाओं में घुमक्कड़ जीवन जीते हुए किया जाता है। इस कार्य के लिए बहुत कम पूँजी एवं निम्न स्तरीय तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। इसमें भोजन अधिशेष नहीं रहता है। आखेटक लोग आखेट के लिए नुकीले औजार, विषाक्त बाणों, व फंदू आदि काम में लेते हैं। अवैध शिकार के कारण जीवों की कई जातियाँ या तो विलुप्त हो गई हैं या संकटापन्न हैं। भारत में शिकार पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया है। केवल कुछ विशिष्ट प्रदेशों के निवासी आखेट से जीवनयापन करते हैं। वर्तमान में निम्न क्षेत्रों में इस प्रकार का उद्यम किया जाता है :-
(1) कनाडा के टूण्ड्रा और टैगा प्रदेशों में एस्किमों जनजाति द्वारा।
(2) उत्तरी साईबेरिया में बसने वाले सेमोयड़, तुंग, याकूत, माइत, चकची, कोरयाक आदि जनजातियों द्वारा।
(3) कालाहारी मरुस्थल में बुशमैन जनजाति द्वारा।
(4) काँगों बेसिन में पिग्मी जनजाति द्वारा।
(5) मलाया में सेंमाँग व सकाई जनजाति द्वारा।
(6) बोर्नियो में पुनान द्वारा।
(7) न्युगिनी में पापुऑन द्वारा।
(8) अमेजन बेसिन में जिवारो व यागुआ जनजाति द्वारा।
वर्तमान में इनके क्षेत्र सीमित होते जा रहे हैं। कई स्थानों पर आखेट में संलग्न जनजातियों के लोग भी स्थायी रूप से घर बनाकर रहने लगे हैं।
2. संग्रहण :-
खाद्य संग्रहण भी मनुष्य का सबसे पुराना व आर्थिक दृष्टि से निम्न क्रम का व्यवसाय है। सामाजिक व प्रौद्योगिक विकास के साथ इस व्यवसाय का महत्त्व कम होता जा रहा है। अब कुछ
हजार लोग ही इस व्यवसाय में संलग्न हैं। मानव अपनी रोटी, कपड़ा और मकान तथा अन्य आवश्यकताओं के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का संग्रह करता आया है। इस व्यवसाय में
संलग्न लोग जंगलों से फल, कंद-मूल, नट, बैरी, जड़ों, पत्तों आदि का संग्रहण करतें हैं। ये लोग कृषि नहीं करते तथा पशुओं को भी पालतू नहीं बनाते। ये पर्यावरण से छेड़छाड़ नहीं करते और
न्यूनतम परिश्रम से प्राप्त होने वाली वस्तुओं का सेवन करते हैं। संग्रहण व्यवसाय के मुख्य क्षेत्र निम्न हैं :-
(1) मलाया प्रायद्वीप में सेंमाँग व सकाई जनजाति।
(2) अमेजिन बेसिन में बोरो जनजाति।
(3) कालाहारी क्षेत्र में बुशमैन जनजाति।
(4) पर्वतीय क्षेत्रों में।
(5) दक्षिणी पूर्वी एशिया के आन्तरिक भागों में।
आधुनिक काल में भोजन संग्रहण के कार्य का कुछ भागों में व्यवसायीकरण भी हो गया है। ये लोग कीमती पौधों की पत्तियाँ, छाल एवं औषधीय पौधों को सामान्य रूप से संशोधित कर बाजार
में बेचने का कार्य भी करतें हैं। विभिन्न वृक्षों की छालों का उपयोग कुनैन बनाने, चमड़ा तैयार करने व कार्क तैयार करने के लिए किया जाता है। पत्तियों का उपयोग पेय पदार्थ, दवाईयाँ, व
क्रान्तिवर्धक वस्तुएँ बनाने के लिए करते हैं। रेशे को कपड़ा बनाने तथा दृढ़ फल को भोजन व तेल बनाने के लिए किया जाता है। तने का उपयोग रबर, बलाटा, गौंद, व रॉल बनाने में होता है। विश्व
स्तर पर संग्रहण का महत्त्व अधिक नहीं है। इन क्रियाओं के द्वारा प्राप्त उत्पाद विश्व व्यापार में प्रतिस्पर्द्धा नहीं कर सकते हैं।
3. मछली पकड़ना :-
यह व्यवसाय भी प्राचीन काल से ही होता आ रहा है, इसमें मानव को प्राकृतिक अवरोधों से निरन्तर संघर्ष करना पड़ता है। मछलियाँ तालाबों, पोखरों, नदियों, नालों, झीलों तथा तटवर्ती
सागरों से पकड़ी जाती हंै। इस व्यवसाय में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध मछलियों को पकड़तें हैं तथा अपना जीवन निर्वाह करतें हैं। मछलियों को भोजन के अलावा तेल व चमड़ा प्राप्त करने, दूधारू पशुओं को खिलाने व खाद बनाने आदि विभिन्न कामों में भी लिया जाता है।
तकनीकी विकास व बढ़ती जनसंख्या की उदरपूर्ति की माँग के कारण मत्स्य व्यवसाय में आधुनिकीकरण हुआ है। मछलियाँ ताजे पानी के स्रोतों, तथा खुले व तटवर्ती समुद्रों में पकड़ी जाती हैं। समुद्रों में शीतोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में ठण्डी और गरम धाराओं के मिलन स्थलों पर अधिक पकड़ी जाती हैं। विश्व में मछली पकड़ने के प्रमुख क्षेत्र निम्न हैं –
(1) उत्तरी प्रशांत महासागर तटवर्तीय क्षेत्र
(2) उत्तरी अटलांटिक तटीय अमेरिकन क्षेत्र
(3) उत्तरी पश्चिमी यूरोपियन क्षेत्र
(4) जापान सागर क्षेत्र
Explanation:
have a nice day ✌️
अक्षांश संबंध नसलेला प्राथमिक व्यवसाय खाणकाम आहे.
- मानवाचे फक्त दोनच प्राथमिक व्यवसाय प्राचीन काळापासून अस्तित्वात होते एक शेती आणि दुसरा खाणकाम.
- प्रागैतेहासिक काळात मानवानं दगडानं एखादं फळ तोडण्याचा व पाडण्याचा प्रयत्न केला असावा अथवा त्यानं एखाद्या टोकदार दगडानं खायची वस्तू सोलली असेल म्हणून त्या वेळी खाणकाम याचा शोध लागला असावा.
- .खनिजाचा वापर , प्राण्यांची हत्या, फांदी तोडणं यासारख्या कामासाठ सुरू केल्यानंतर
हळूहळू खाणकामास वेग आला.
- जागतिक संस्कृतीचा संपूर्ण डोलारा आज खनिजांच्या उपलब्धतेवर उभा राहिलेला आहे.
- गाडया, रेल्वे, विमान, टेलिफोन,संगणक टीव्ही,अणुभट्टी, कोळसा, भट्टी सगळ्यांमध्ये वेळोवेळी खनिजांचा वापर होतो .
- आधीच्या काळापेक्षा खाणकामाची खरी निकड ही आजच्या काळात अधिक आहे. कारण अनेक ठिकाणी खनिजांचा वापर होतो.
- खाणकाम याचा पर्यावरणवर होणारा परिणाम हे आहे - चांदीच्या खाणींमध्ये काही प्रमाणात आर्सेनिक आणि लीड गंभीर आरोग्यविषयक समस्यांमुळे उच्च क्षमतेच्या केंद्रीत धूळांमध्ये आढळते. पावसाच्या पाण्याची भर पडण्यामुळे ते पाण्याला प्रदूषित करते व जल प्रदूषण होते. उदाहरण - लीड, आर्सेनिक, पारा इत्यादि।
#SPJ2
संबंधित प्रश्न
https://brainly.in/question/37849496?utm_source=android&utm_medium=share&utm_campaign=question
https://brainly.in/question/37849496?utm_source=android&utm_medium=share&utm_campaign=question