अकबर को राष्ट्रीय शासक क्यों कहा जाता है?
Answers
➲ अकबर को राष्ट्रीय शासक इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अकबर ने अपने समय में भारत के एक बड़े भू-भाग पर शासन किया था। अकबर ने सम्राट बनने के बाद ना केवल अपनी स्थिति को सुदृढ़ बनाया बल्कि उसने अपने साम्राज्य का विस्तार भी किया।
जब अकबर का पिता हुमायूं मृत्यु को प्राप्त हुआ था तब अकबर अल्प आयु था और बैरम खां की देखरेख में अकबर ने राजगद्दी संभाली। धीरे-धीरे अपने कुशल नेतृत्व से अकबर ने राज्य का संगठन किया और अपने साम्राज्य का विस्तार करना आरंभ कर दिया। अकबर ने सर्वधर्म समभाव की नीति अपनाई और इस्लाम धर्म के अलावा अन्य धर्मों के प्रति भी उदारवादी नीति अपनाई। अकबर ने हिंदू धर्म और मुस्लिम धर्म की कुछ संयुक्त बातों को लेकर अपना स्वयं का धर्म दीन ए इलाही धर्म भी चलाया।
अकबर के नवरत्नों में से लगभग 4 नवरत्न हिंदू थे। अकबर के दरबार में भी अनेक हिंदू उच्च पदों पर आसीन थे, जिनमें बीरबल, मानसिंह, टोडरमल आदि के नाम प्रमुख हैं। इसी कारण हर धर्म हर वर्ग हर क्षेत्र में उसका साम्राज्य बढ़ता गया। अपने समय में सभी धर्मों को समान भाव लेकर हिंदु संस्कृति को भी अपना लिया था। अकबर के समय हिंदु धर्म और उसकी संस्कृति के उदारता की नीति अपनाई गयी, इसी कारण अपने समय में अकबर हिंदू जनता में सहज रूप स्वीकार हो गया। अकबर ने अपने साम्राज्य के सभी क्षेत्रों को एकता के सूत्र में पिरो दिया था।
यही कारण हैं, अकबर को एक राष्ट्रीय शासक माना जाता है।
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Answer:
अकबर को राष्ट्रीय शासक क्यों कहा जाता है?
Explanation:
● अकबर को राष्ट्रीय शासक इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अकबर ने अपने समय में भारत के एक बड़े भू-भाग पर शासन किया था। अकबर ने सम्राट बनने के बाद ना केवल अपनी स्थिति को सुदृढ़ बनाया बल्कि उसने अपने साम्राज्य का विस्तार भी किया।
जब अकबर का पिता हुमायूं मृत्यु को प्राप्त हुआ था तब अकबर अल्प आयु था और बैरम खां की देखरेख में अकबर ने राजगद्दी संभाली। धीरे-धीरे अपने कुशल नेतृत्व से अकबर ने राज्य का संगठन किया और अपने साम्राज्य का विस्तार करना आरंभ कर दिया। अकबर ने सर्वधर्म समभाव की नीति अपनाई और इस्लाम धर्म के अलावा अन्य धर्मों के प्रति भी उदारवादी नीति अपनाई। अकबर ने हिंदू धर्म और मुस्लिम धर्म की कुछ संयुक्त बातों को लेकर अपना स्वयं का धर्म दीन ए इलाही धर्म भी चलाया।
अकबर के नवरत्नों में से लगभग 4 नवरत्न हिंदू थे। अकबर के दरबार में भी अनेक हिंदू उच्च पदों पर आसीन थे, जिनमें बीरबल, मानसिंह, टोडरमल आदि के नाम प्रमुख हैं। इसी कारण हर धर्म हर वर्ग हर क्षेत्र में उसका साम्राज्य बढ़ता गया। अपने समय में सभी धर्मों को समान भाव लेकर हिंदु संस्कृति को भी अपना लिया था। अकबर के समय हिंदु धर्म और उसकी संस्कृति के उदारता की नीति अपनाई गयी, इसी कारण अपने समय में अकबर हिंदू जनता में सहज रूप स्वीकार हो गया। अकबर नेअपने साम्राज्य के सभी क्षेत्रों को एकता के सूत्र में पिरो
दिया था।
यही कारण हैं, अकबर को एक राष्ट्रीय शासक माना जाता है।