अकबर के शासन काल में मनसबदार ओ की क्या स्थिति थी
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=>अकबर ने अपने अंतिम वर्षों में मनसबदारी व्यवस्था में जात एवं सवार नामक द्वैध मनसब प्रथा को प्रारंभ किया। जात शब्द से व्यक्ति के वेतन तथा पद की स्थिति का बोध होता था, जबकि सवार शब्द से घुङसवार दस्ते की संख्या का बोध होता था। अकबर के समय में सबसे छोटा मनसब 10 का तथा सबसे बङा 10,000 का होता था।
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Answer:
अकबर ने अपने अंतिम वर्षों में मनसबदारी व्यवस्था में जात एवं सवार नामक द्वैध मनसब प्रथा को प्रारंभ किया। जात शब्द से व्यक्ति के वेतन तथा पद की स्थिति का बोध होता था, जबकि सवार शब्द से घुङसवार दस्ते की संख्या का बोध होता था। ... 5,000 से ऊपर के मनसब केवल शहजादों तथा राजवंश के लोगों के लिए सुरक्षित होते थे।
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