अकबर के शासन के दौरान खेती करने के आधार पर भूमि को 4 वर्गों में बांटने का वर्णन करो
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समकालीन इतिहासकार सादिक के अनुसार – मदद-ए-माश भूमि तो बीघा-ए-इलाही से नापी जाती थी परंतु सरकारी अभिलेखों के लिए भूमि दिरा-ए-शाहजहानी या बीघा – ए- दफ्तरी से नापी जाती थी। औरंगजेब के पश्चात बीघा-ए-दफ्तरी का प्रयोग बंद हो गया किन्तु बीघा -ए-इलाही मुगल काल के अंत तक चलता रहा।
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