अकबर की धार्मिक नीति के बारे में व्याख्या करें।
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अखबार धर्म की दृष्टि से सभी धर्मों के प्रति उदार था। उसने अपने शासनकाल में हिंदुओं पर से जजिया कर (धार्मिक कर) माफ कर दिया था। अकबर उसने धर्म शास्त्रीय चर्चा करने के लिए फतेहपुर सीकरी में सन 1575 में इबादत खाना भी बनवाया। 1581 ईस्वी में अकबर ने दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना की थी। अकबर ने सूफी मत के चिश्ती संप्रदाय को भी संरक्षण दिया था। अकबर ने गोवा से पुर्तगाली मिशनरियों को बुलाया था और उसने लाहौर एवं आगरा में ईसाइयों के गिरजाघर भी बनवाए। अकबर ने जैन मुनि हरी विजय सूरी को जगद्गुरु की उपाधि से संरक्षण प्रदान किया था। 1583 ईस्वी में अकबर ने इलाही संवत नाम से अपना कैलेंडर भी चलाया।
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