Social Sciences, asked by souravo6038, 10 months ago

अकबर की धार्मिक नीति और राजपूत नीति का वर्णन कीजिए।

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Answered by shahasatyam
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Answer:

अकबर की राजपूत नीति उसकी गहन सूझ-बूझ का परिणाम थी। अकबर राजपूतों की शत्रुता से अधिक उनकी मित्रता को महत्व देता था। अकबर की राजपूत नीति दमन और समझौते पर आधारित थी। उसके द्वारा अपनायी गयी नीति पर दोनों पक्षों का हित निर्भर करता था। अकबर ने राजपूत राजाओं से दोस्ती कर श्रेष्ठ एवं स्वामिभक्त राजपूत वीरों को अपनी सेवा में लिया, जिससे मुग़ल साम्राज्य काफ़ी दिन तक जीवित रह सका। राजपूतों ने मुग़लों से दोस्ती एवं वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर अपने को अधिक सुरक्षित महसूस किया। इस तरह अकबर की एक स्थायी, शक्तिशाली एवं विस्तृत साम्राज्य की कल्पना को साकार करने में राजपूतों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। अकबर ने कुछ राजपूत राजाओं जैसे- भगवान दास, राजा मानसिंह, बीरबल एवं टोडरमल को उच्च मनसब प्रदान किया था। अकबर ने सभी राजपूत राजाओं से स्वयं के सिक्के चलाने का अधिकार छीन लिया तथा उनके राज्य में भी शाही सिक्कों का प्रचलन करवाया।

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