अकबरी लोटा पाठ में पंडित बिलवासी मिश्र ने अपने मित्र लाला झाऊलाल की मदद करने
लिए अपने घर में ही चोरी की हैंअपने
विवेक के आधार पर बताइए कि क्या चोरी
करके किसी की सहायता करना ठीक है?
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बिलवासी जी ने चोरी करके रूपयों का प्रबंध किया। किसी की सहायता करने का यह तरीका गलत है। दूसरी ओर बिलवासी जी ने एक अंग्रेज़ से झूठ बोलकर भी रूपयों का प्रंबध किया था। यह भी गलत है। सम्भवत: उन्हें अपनी पत्नी को समझाकर उनसे रूपए माँगने चाहिए थे।
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