Akbar ka Akbar nam home ke bad bhi Akbar Ko mahan kyu kaha Gaya?
Haldighati youdh me kon jota? Kya Akbar aak aacha badshah tha?
Answers
Answer:
a)कुछ समय पहले की बात है. कुछ अराजक तत्वों ने दिल्ली की मशहूर अकबर रोड के साइन बोर्डों के ऊपर महाराणा प्रताप रोड के पोस्टर चिपका दिए. इस सड़क पर कई केंद्रीय मंत्रियों के निवास हैं. कांग्रेस पार्टी का कार्यालय भी इसी रोड के किनारे ही मौजूद है. विवाद बढ़ने पर इन पोस्टरों को हटा दिया गया.
इससे पहले ‘हिंदू सेना’ नाम के एक संगठन ने अकबर रोड का नाम बदले जाने की मांग उठाते हुए यहां मौजूद कुछ साइन बोर्डों को नुकसान पहुंचाया था. तब इस संगठन के लोगों ने कुछ बोर्डों पर महाराणा प्रताप रोड के पोस्टर लगा दिए थे. उसी समय केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी इस रोड का नाम बदले जाने की मांग की थी और इसका भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने समर्थन किया था.
Advertisement
दिल्ली की औरंगजेब रोड का नाम अब्दुल कलाम रोड हो चुका है. शायद औरंगजेब हिंदुस्तान के इतिहास में वह नाम है जिसे हम भुला देना चाहते हैं. इसकी देखा-देखी अकबर रोड का भी नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड रखने की मांग होती रही है. यह भी कि अकबर के नाम के साथ लगने वाला ‘महान’ शब्द भी हटा दिया जाए. इसके पीछे भी लोगों के अपने-अपने तर्क हैं. यह भी कर दो, भाई, किसने रोका है? अब न तो कोई मुग़ल बचा है और अगर बचा भी है, तो उसकी क्या हिम्मत जो किसी को ऐसा करने से रोके? उसे तो इल्म भी नहीं होगा की उसकी रगों में मुग़लिया खून है. उसके नाम न तो लाल किला है और न ही ताज महल जो उसके वंशजों ने बनवाये थे. और जहां से खड़ा होकर वह इस मुहीम को रोकने की दुहाई लगाए.
वह तो शायद दिल्ली की किसी गली में ख़ाक छान रहा होगा, रिक्शा चला रहा होगा, या बैठा होगा किसी बढ़ई की दूकान पर. वह उन बचे-खुचे राजाओं के वंशजों की तरह थोडे ही है जिनके नाम आज भी बेशक़ीमती महल, किले और जागीरें हैं. जिन्होंने उन्हें होटलों में तब्दील कर दिया है और खूब पैसा काट रहे हैं. जो आज भी अपने आपको राजासाहब , राजकुमार और रानी साहिबा कहलवाना पसंद करते हैं. जो राजनीति में ऊंचे और रसूखदार पदों पर बैठे हुए आज के राजा ही हैं.
अकबर पहला मुग़ल था जो हिंदुस्तान में पैदा हुआ. उसका बाप एक सुन्नी, उसकी वालिदा एक शिया, उसका गुरु भी एक शिया और वह पैदा एक हिंदू के घर में हुआ. उसकी परवरिश करने वाली महामंगा भी शिया थी.
अब आप कहेंगे कि यह कोई तर्क है? इससे यह साबित कैसे हो जाता है कि अकबर महान था. तो चलो एक काम करें? आज अकबर के काल की चीरफाड़ करें और देखें कि उसे महान कहना चाहिए या नहीं? बात थोड़ा पीछे से शुरू करूंगा, अगर इजाज़त हो तो?
किसी भी शासनकाल या राजा को समझने के लिए उसका आदि जानना ज़रूरी होता है. मुग़लों का आदि बाबर से था, या इससे भी पहले तुर्को और उससे भी पहले मंगोलों से. बाबर, जो पहला मुग़ल था उसकी रगों में तैमूरलंग और चंगेज़ खान का खून था. उसकी मां मंगोलों से और उसका वालिद, उम्र शेख़, तैमूरी ख़ानदान से ताल्लुक रखता था. दुनिया की तारीख इस बात की गवाह है कि ये दोनों वंश खूंखार और बर्बर समाज के प्रतिनिधि थे.
Advertisement
नेहरू का मत था कि अगर चंगेज़ खान, सन 1221 में हिंदुस्तान के भीतर आ गया होता तो शायद आज हिंदुस्तान का नक्शा ही कुछ और होता. दूसरी तरफ़ तैमूरलंग हिंदुस्तान के भीतर आया तो सही पर सन 1399 में लूटपाट करके वापस चला गया और अपने पीछे एक बर्बाद और उजड़ी दिल्ली छोड़ गया. लगभग 100 साल बाद समरकंद से, वो आधा मंगोल और आधा तैमूरी, जिसको हम बाबर के नाम से जानते हैं, उसे उसकी तक़दीर हिंदुस्तान से वापस न ले जाने के लिए ला रही थी.
इतिहासकारों का मानना है कि ‘मुग़ल’ ‘मंगोल’ शब्द के अपभ्रंश से बना है. बाबर को अपने ‘तैमूरी’ होने पर बड़ा फ़ख्र था पर तकदीर की विडंबना देखिए उसकी सल्तनत को हिन्दुस्तान में तैमूरी सल्तनत नहीं बल्कि मुग़लिया सल्तनत के नाम से जाना गया. शायद इसलिए कि तैमूरलंग के हिन्दुस्तान की छाती पर दिए हुए ज़ख्म 100 सालों में भी भरे नहीं थे.
बाबर यही कुछ 4-5 साल राज कर पाया. बाद उसके हुमायूं ने उसकी बिख़री हुई सल्तनत को संभालने का ज़िम्मा लिया पर ज्यादा कामयाब नहीं हुआ. किस्मत और धोख़े का मारा हुआ हुमायूं शेरशाह सूरी के खौफ़ से हिंदुस्तान के सिंध प्रांत (आज का पाकिस्तान) में दर-ब-दर की ख़ाक छान रहा था और उसकी बेग़म, हामिदा, जो उस वक़्त हामला थी, उसकी कोख़ में 8 महीने का बच्चा पल रहा था. वे शायद दोनों ही न बचते पर ख़ुदा को कुछ और ही मंज़ूर था. उसने उमर कोट के राजा को हुमायूं की सहायता करने के लिए भेज दिया.
उमर कोट के राजा को ऐसा करते हुए अंदाज़ा भी नहीं था कि वह हिंदुस्तान की तक़दीर बदलने जा रहा था. उमरकोट में हामिदा ने 15 अक्टूबर, सन 1542 को जिस बच्चे को जनम दिया उसे दुनिया अकबर महान के नाम से जानती है. अकबर क्या पैदा हुआ हुमायूं की तकदीर बदल गयी. शेरशाह सूरी ज़्यादा दिनों तक राज न कर पाया और 22 मई, 1545 को चल बसा. हुमायूं ने मेहनत करके हिंदुस्तान की गद्दी वापस हासिल कर ली लेकिन इसका सुख ज्यादा दिनों तक भोग न सका. वह 24 जनवरी 1556 को लाइब्रेरी की सीढियों से फिसल कर गिर गया और चल बसा.
जो बात अकबर को बाकी मुसलमान सुल्तानों से अलग करती है वह है उसका इस्लाम और बाक़ी धर्मों के प्रति नज़रिया.
Explanation:
maharana pratap ne haldhighati ka yudhh jita tha. ha