akbari lota information
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अकबरी लोटा' पाठ मनोरंजन और हास्य से भरपूर है। यह बुद्धिमान भारतीयों और मूर्ख अंग्रेज़ अफसर के ताने-बाने से निकली कहानी है। यह कहानी दो मित्रों की सच्ची मित्रता और एक अंग्रेज़ अफसर को मूर्ख बनाने की कहानी है। इस कहानी में दो मित्र हैं, झाऊलाल और पंडित बिलवासी मिश्र। पं. बिलवासी अपने मुसीबत में फंसे मित्र की सहायता उसके बेढंगे लोटे को बेचकर करता है। वह इस लोटे को एक अंग्रेज़ व्यक्ति को अकबरी लोटा कहकर पाँच सौ रुपयों में बेच देता है। यह रोचक और हास्यपद घटना से युक्त कहानी है। इसे पढ़ते समय पाठक को इतना आनंद आता है कि वह इस कहानी को समाप्त किए बिना छोड़ नहीं पाता। यह कहानी बच्चों का बहुत मनोरंजन करती है। अन्नपूर्णानंद वर्मा इस कहानी के लेखक है। उन्होंने मित्रता और बुद्धि के महत्व पर अच्छा प्रकाश डाला है।
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अकबरी लोटा' पाठ मनोरंजन और हास्य से भरपूर है। यह बुद्धिमान भारतीयों और मूर्ख अंग्रेज़ अफसर के ताने-बाने से निकली कहानी है। यह कहानी दो मित्रों की सच्ची मित्रता और एक अंग्रेज़ अफसर को मूर्ख बनाने की कहानी है। इस कहानी में दो मित्र हैं, झाऊलाल और पंडित बिलवासी मिश्र। पं. बिलवासी अपने मुसीबत में फंसे मित्र की सहायता उसके बेढंगे लोटे को बेचकर करता है। वह इस लोटे को एक अंग्रेज़ व्यक्ति को अकबरी लोटा कहकर पाँच सौ रुपयों में बेच देता है। यह रोचक और हास्यपद घटना से युक्त कहानी है। इसे पढ़ते समय पाठक को इतना आनंद आता है कि वह इस कहानी को समाप्त किए बिना छोड़ नहीं पाता। यह कहानी बच्चों का बहुत मनोरंजन करती है। अन्नपूर्णानंद वर्मा इस कहानी के लेखक है। उन्होंने मित्रता और बुद्धि के महत्व पर अच्छा प्रकाश डाला है।
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