अखिल भारतीय
निबंध प्रतियोगिता
विषय - हनुमान जी के जीवन से हमे क्या प्रेरणा मिलती हैं
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हॉलीवुड के हीरो सुपरमैन, स्पाइडरमैन और बैटमैन की दुनिया से बाहर निकलकर देखें तो एक हीरो हमारे पास बचपन से है. बस देर है तो एक बारगी उसके चरित्र के बारे में गहराई से सोचने की.रामायण की कल्पना भी इस चरित्र के बारे में नहीं की जा सकती क्योंकि उनके बिना यह राम गाथा कभी पूरी भी नहीं हो सकती है. हम बात कर रहे हैं राम भक्त हनुमान की, जो एक ही साथ हमें सफल जिंदगी के कई गुर सिखाते हैं. उनके दिए गए ये सबक आपको न तो कभी हारने देंगे अौर न ही कभी सही रास्ते से भटकने देंगे. जानें ऐसा क्या है जो हनुमान से हमें क्या सीखने को मिलता है...1. सपने बड़े देखो:हनुमान ने जब सूर्य को आम समझ खाने की ठानी तो सभी हैरान रह गए थे. क्योंकि ऐसा होना संभव नहीं था. मगर इस काम को भी उन्होंने संभव कर दिखाया. बेशक यह एक ऐसी घटना है जिसके लिए खास शक्तियां होनी चाहिए. लेकिन सबसे बड़ी सीख यह है कि जब यह हनुमान ने सोचा तब उन्हें भी अपनी शक्ति का पता नहीं था. बचपन में ही उनके पास एक बड़ा सपना था और उसे पूरा करने की इच्छा थी, जिसे उन्होंने कर दिखाया. सफल होने के लिए ऐसे ही विजन की जरूरत है हमें. सपने बड़े देखो और उनको पूरा करने के लिए अपना सौ फीसदी दो.
2. अपनी क्षमता को पहचानो: रामयण में एक प्रसंग है जब हनुमान समुद्र पार करने में स्वयं को असमर्थ पा रहे थे, तब जामवंत ने हनुमान से यही कहा, 'का चुप साधि रहा बलवाना'. यानी अरे, हनुमान, तुम तो बहुत बलवान हो, तुमने चुप्पी क्यों साध रखी है. यही वो क्षण था जब अपने अंदर की शक्ति को पहचान कर हनुमान ने समुद्र भी पार कर लिया था. ठीक ऐसा हमारे साथ भी होता है, हम अक्सर खुद को कम आंकते हैं. अपने हुनर की दूसरों से तुलना भी कर बैठते हैं. लेकिन हमारे अंदर भी वही क्षमता है जो दूसरे के पास है. इसलिए हमेशा खुद पर विश्वास रखें.
3. अच्छे काम करो तो अच्छा ही होगा: हम जैसा करते हैं वैसा ही हमारे पास वापस आता है. इसका उदाहरण हमें इंद्र की ओर से चोट पहुंचाए जाने के दौरान मिलता है. हनुमान को गहरी चोट आती है जो ठीक भी हो जाती है. यही नहीं सभी देवी-देवता उन्हें आशीर्वाद देने आते हैं. सभी से उन्हें वरदान में शक्तियां और आशीर्वाद मिलते हैं. यह घटना बताती है कि जीवन में अच्छे कर्म करो तो आपके साथ अच्छा ही होता है.
4. बिना किसी स्वार्थ के काम करना : राम से मिलकर हनुमान ने उन्हें अपना गुरु मान लिया था. राम को लंका पहुंचाने से लेकर अयोध्या आने तक हनुमार निस्वार्थ भाव से हर काम में डटे रहे. यह सब उनकी भक्ति ही तो थी, जिसके लिए उन्होंने सब किया. जीवन में इस चीज का होना बहुत जरूरी है क्योंकि हम अक्सर काम को शुरू करने से पहले उसके साथ जुड़ा अपना फायदा भी देखने लग जाते हैं. याद रखें, काम करो लेकिन स्वार्थ भाव से नहीं, पूरी निष्ठा से.
5. परिस्थिति के साथ खुद को बदलना : रामायण में कई ऐसी घटनाएं है, जहां हनुमान ने इस बात को समझाया है कि हर बार परिस्थिति के सामने अड़े रहना समाधान नहीं होता है. जब चीजें बदलना हमारे हाथ में नहीं हो तो हालात को समझते हुए खुद काे बदलना समस्या का सबसे बड़ा समाधान होता है.
Good evening
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hlo miss unknown akhil kab se online nahi aae he menay unhe bohot message kiye lakin unka koi reply nahi aaya or na he vo message seen kar rahy he to agar aapse unki baat ho to bol digiyega ki ak baar mughsay baat kar le