Hindi, asked by yashikajain232, 9 months ago

Akshay tritiya ke subh avasr pr bikaner sthapana diwas ki bdhai ke saath bikaner ki visheshtaein btate hue uske etihasik, sanskritik, dharmik sthiti ka bakhan krte hue'hamara bikana' vishay pr 150-200 shabdon me lekh likhen.

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Answered by ItzDazzingBoy
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हमारे देश में अक्षय तृतीया या अबुझ सावे पर हर साल होने वाले बाल विवाह इस बार शायद मीडिया की सुर्खियां नहीं बनेंगे। कई सालों से किये जा रहे जागरूकता प्रयासों से यद्यपि बाल विवाहों में कमी आई है परंतु इस बार कोरोना का कहर इस प्रथा को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बाल विवाह यूं तो पूरे विश्व में होते हैं परंतु भारत में विश्व के 40 प्रतिशत बाल विवाह होने का अनुमान लगाया गया है। भारत में केरल, बिहार, हिमाचल, गुजरात, पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान में इनका ज्यादा प्रचलन है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह का प्रचलन अधिक है। अनुमान लगाया गया है कि अभी भी 18 वर्ष से कम उम्र की 49 प्रतिशत लड़कियों के विवाह होते हैं। वर्ष 2016 में किये गए चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के निष्कर्ष के मुताबिक भारत में विवाह की कानूनी उम्र से पूर्व पश्चिम बंगाल में 40.7 प्रतिशत, बिहार में 39.1, राजस्थान में 35.4, आंध्र प्रदेश में 32.6, मध्य प्रदेश में 30 एवं गुजरात में 24.9 प्रतिशत बाल विवाह होते हैं।

अक्षय तृतीया पर लुक छुप कर होने वाले बाल विवाह इस बार कोरोना महामारी के चलते होने की सम्भावनायें कम हैं। यह सम्भव होगा कोरोना के कारण लगाए गए प्रतिबंधों से। न भीड़, न सामूहिक भोज, न हलवाई, न टैंट, न फोटोग्राफर और न ही बैंड बाजा। दुकानें बंद होने से कपड़ों, गहने, बर्तन, इलेक्टॉनिक आइटम जैसे समान भी नहीं खरीद पाएंगे। वर वधु को आशीर्वाद देने के लिए न ही किसी विशिष्ट अथिति को आमंत्रित कर पाएंगे। केवल 20, कहीं-कहीं 5 अधिकृत व्यक्तियों की अनुमति प्राप्त कर सादे विवाह में वर-वधू के सात फेरों की रस्म पूरी कर विवाह रचाएंगे।

कोरोना के कारण इस बार अक्षय तृतीया पर होने वाले विवाहों पर सरकार की और से अनेक प्रतिबंध लगाए गये हैं जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सम्भव हो सके। विवाह सामूहिक रूप से करने पर 3 मई तक पूर्ण स्थगन है। विवाह एवं उसमें शामिल होने वालों की पूर्व अनुमति अधिकृत अधिकारी से लेनी होगी। निगरानी दल निरंतर निगाह रखेंगे कि किसी भी सूरत में बाल विवाह नहीं हो। जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर तक नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए हैं।

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