Accountancy, asked by PragyaTbia, 1 year ago

अलाभकारी संस्थाओं को आय और व्यय खाता, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लाभ-हानि खाते के समान होता है। कथन की विवेचना कीजिए।

Answers

Answered by BrainlySoul
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Here Is Your Answer:-

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एक आवेदक जिसको अनुपातिक आधार पर आबंटन किया गया जिसने आबंटन और माँग राशि का भुगतान नहीं किया और उसके 400 अंशों का हरण कर लिया गया। इन अंशों का पुनः निर्गमन रु. प्रति अंश पर किया गया।

रोजनामचा प्रविष्टियों को दर्शाएँ और उपरोक्त का अभिलेखन करने के लिए रोकड़ पुस्तक तैयार करें?

Answered by lavpratapsingh20
5

लाभ और हानि खाते के समान, वर्तमान लेखा अवधि से संबंधित सभी खर्च और नुकसान डेबिट पक्ष (व्यय पक्ष) पर दर्ज किए जाते हैं और वर्तमान लेखांकन अवधि के सभी लाभ और आय, आय और व्यय खाते के क्रेडिट पक्ष (आय पक्ष) पर दर्ज किए जाते हैं। । आय और व्यय खाते का संतुलन आंकड़ा अधिशेष या घाटा है और लाभ और हानि खाते का शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि है। दोनों खाते केवल राजस्व आइटम दर्ज करते हैं जो वर्तमान लेखा अवधि से संबंधित हैं।

आय और व्यय खाते और लाभ और हानि खाते के बीच समानताएं

अलाभकारी संस्था का आय और व्यय खाता निम्नलिखित बिंदुओं में लाभ कमाने वाले व्यवसाय के लाभ और हानि खाते के समान है।

1. खाते की प्रकृति: दोनों संबंधित खाते प्रकृति में नाममात्र हैं।

2. रिकॉर्डिंग का आधार: दोनों खाते केवल राजस्व व्यय और वर्तमान लेखा अवधि से संबंधित राजस्व आय रिकॉर्ड करते हैं। इन खातों को तैयार करते समय पूंजी प्रकृति की वस्तुओं को नजरअंदाज नहीं किया जाता है।

3. अवधि: चालू वर्ष से संबंधित लेन-देन आय और व्यय खाते में उसी तरीके से दर्ज किए जाते हैं जिस तरह से लाभ और हानि खाता तैयार किया जाता है। पिछले वर्ष या अगले वर्ष से संबंधित लेन-देन को बाहर रखा जाता है।

4. समायोजन: समायोजन जैसे कि, बकाया खर्च, पूर्वदात खर्च, अग्रिम में प्राप्त आय, देय आय लेकिन प्राप्त नहीं, मूल्यह्रास, खराब ऋण आदि दोनो में एक समान होते है। इस प्रकार, दोनों खाते उपार्जन आधार पर तैयार किए जाते हैं।

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