अल्फ्रेड वेगनर ने सुविशाल महाद्वीप को क्या नाम दिया था?
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पैंजिया, पैन्जेया या पैंजी (उच्चारित/pænˈdʒiːə/, pan-JEE-ə[1], प्राचीन यूनानी πᾶν पैन "संपूर्ण" और Γαῖα गैया "पृथ्वी", लैटिन भाषा में जेया से), एक विशाल एकीकृत महाद्वीप (सुपरकॉन्टीनेंट) था जिसका अस्तित्व लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले पेलियोजोइक और मिजोजोइक युग के दौरान था; मौजूदा महाद्वीप अपने वर्तमान स्वरूप में इसी में से निकल कर आये हैं।[2]
यह नाम अल्फ्रेड वेजेनर के महाद्वीपीय प्रवाह के सिद्धांत की वैज्ञानिक चर्चा में गढ़ा गया था। अपनी पुस्तक "द ओरिजिन ऑफ कॉन्टिनेंट्स एंड ओशंस" (डाई एंटस्टेहंग डर कोंटिनेंट एंड ओजियेन) में उन्होंने माना था कि सभी महाद्वीप बाद में विखंडित होने और प्रवाहित होकर अपने वर्तमान स्थानों पर पहुँचने से पहले एक समय में एक विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे जिसे उन्होंने "उरकॉन्टिनेंट" कहा था। पैंजिया शब्द 1928 में अल्फ्रेड वेजेनर के सिद्धांत पर चर्चा के लिए आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान प्रकाश में आया।[3]