Hindi, asked by rahikaamber2145, 2 months ago

अलंकार के भेद व उदाहरण
With explanation.


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Answered by Anonymous
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अलंकार के भेद विस्तार में

अनुप्रास अलंकार – Anupras alankar. ...

यमक अलंकार ( Yamak alankar ) ...

श्लेष अलंकार ( Shlesh alankar ) ...

उपमा अलंकार ( Upma alankar ) ...

रूपक अलंकार ( Rupak alankar ) ...

6 उत्प्रेक्षा अलंकार ( Utpreksha alankar ) ...

मानवीकरण अलंकार ( Maanvikaran alankar ) ...

8 पुनरुक्ति अलंकार ( Punrukti alankar )

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Answered by ritika1115
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अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं :

शब्दालंकार

अर्थालंकार

. शब्दालंकार

जो अलंकार शब्दों के माध्यम से काव्यों को अलंकृत करते हैं, वे शब्दालंकार कहलाते हैं। यानि किसी काव्य में कोई विशेष शब्द रखने से सौन्दर्य आए और कोई पर्यायवाची शब्द रखने से लुप्त हो जाये तो यह शब्दालंकार कहलाता है।

शब्दालंकार के भेद:

अनुप्रास अलंकार

यमक अलंकार

श्लेष अलंकार

. अनुप्रास अलंकार

जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है। जैसे :

चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ।

ऊपर दिये गए उदाहरण में आप देख सकते हैं की ‘च’ वर्ण की आवृति हो रही है और आवृति हों से वाक्य का सौन्दर्य बढ़ रहा है। अतः यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण होगा।

मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला।

उपर्युक्त उदाहरण में ‘म’ वर्ण की आवृति हो रही है, एवं हम जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आयेगा।

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