अलंकार किसे कहते हैं बताइए?
Answers
अलंकार किसे कहते हैं बताइए?
अलंकार
अलंकार का सामान्य अर्थ है – शोभा, श्रृंगार, आभूषण या
अलंकृत करना। लोकभाषा में इसे गहना कहते हैं। कविता की
शोभा को बढ़ाने का काम अलंकार करते हैं। ये स्वयं शोभा नहीं
होते अपितु कविता की शोभा बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। संस्कृत
के विद्वानों ने इसीलिए कहा है – ‘अलांकरोति इति अलंकार:’
अर्थात जो शोभा बढ़ाए उसे अलंकार कहते हैं। कविता में कभी
शब्द विशेष का प्रयोग कविता को शोभा प्रदान करता है तो
कभी अर्थ।
अलंकार की परिभाषा –
शब्द और अर्थ में चमत्कार उत्पन्न कर कविता को शोभा बढ़ाने
वाले तत्व को अलंकार कहते हैं।
अलंकार के भेद –
कविता में चमत्कार और सौंदर्य उत्पन्न करने में शब्द ओर अर्थ
दोनों का सामान महत्व होता है। कही शब्द विशेष के प्रयोग के
कारण कविता की शोभा बढ़ जाती हैं तो कहीं अर्थ चमत्कार
के कारण। जहा शब्द विशेष के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है,
वहा शब्दालांकर होते हैं। जब अर्थ विशेष आकर्षण को उत्पन्न
करता है वहा अर्थालंकार होता है। कविता में जहा चमत्कार
शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित होता है उन्हें उभयालंकार
कहते है।
अलंकार के मुख्य दो भेद होते हैं –
शब्दालंकार ओर अर्थालंकार।
❥ अलंकार —
➠अलंकार शब्द का अर्थ है - आभूषण | जिस प्रकार एक नारी विभिन्न आभूषणों द्वारा अपने शरीर को सजाती है, उसी प्रकार एक कवि अपने काव्यों को विविध शब्दों व अर्थ योजनाओं से सुसज्जित करता है | वे शब्द व अर्थ योजनाएँ ही अलंकार कहलाते है |
➠जैसे :-
‘अब अपना क्या पराया क्या?,
आबाद रहे रहने वाले!’
❥ अलंकार के भेद —
➠ अलंकार के मुख्य रूप से दो भेद होते है :-
• शब्दालंकार
• अर्थालंकार
❥ शब्दालंकार —
➠ अनुप्रास अलंकार
➠यमक अलंकार
➠श्लेष अलंकार
❥ अर्थालंकार —
➠ उपमा अलंकार
➠ रूपक अलंकार
➠ उत्प्रेक्षा अलंकार
➠ अतिशयोक्ति अलंकार