Hindi, asked by vashuyadav55, 7 months ago

अलंकारास
मलम मनि टीप र जीय-दीदवार
और कमल रही हरिराज
लिपट निरस निरनिरंका
गंगा-सीपावन भी जारी
बीती विभावरी जागरी
संपर पनपटइयो रही तारा ष्ट या जामारी।
डपीपरपाल ससि मन डोला
तीन मेरखाती जीवे तीन बेर खाती हैं।
भान की दिशा दशा का दान ।
विहीर-सा हम तुम्शरा
to. पाभी जी सैनै राम रतन धन पायो।
देखो साकेत जी महीं।
स्वर्ग से मिलने कान में जा रही।
कलो मह लतिका भी भर लाई।
मधु मुकुल जपल रस गागरी
20 लाजमाण​ ras la parker batao

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Answered by SAURABHYADAV6391
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Answer:

अलंकारास

मलम मनि टीप र जीय-दीदवार

और कमल रही हरिराज

लिपट निरस निरनिरंका

गंगा-सीपावन भी जारी

बीती विभावरी जागरी

संपर पनपटइयो रही तारा ष्ट या जामारी।

Explanation:

झवा दर सारी नदियों के पानी का जादुनाने

दाची

यश की ठाब्सिमा' से कसभा

षीप घेता हैा

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