अलबम कहानी by सुदर्शन (सारांश)1 पेज
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टिकट अलबम कहानी सुंदरा राम स्वामी जी द्वारा लिखी गयी एक बाल प्रद कहानी है। कहानी में राजप्पा नाम के एक लड़के के बारे में बताया गया है ,जिसे टिकट एलबम बनाने का शौक है। वह टिकट इकठ्ठा करने के लिए बहुत मेहनत करता था। स्कूल से घर लौटने पर वह मीलों पैदल चलाकर टिकट लाने जाता था। कभी कभी वह अपने दो टिकट देकर उनका एक टिकट लाता। इस प्रकार उसने एक भारी भरकम टिकट एलबम बना लिया था। जिसके कारण कक्षा में उसकी धाक जम गयी थी। लेकिन कहानी में बदलाव तब आया। जब कक्षा में ही पढने वाले नागराजन के मामा ने सिंगापूर से टिकट एलबम भेज दिया। वह बहुत ही सुन्दर एलबम था ,जिसे कक्षा में सभी लोगों ने पसंद किया। अब नागराजन की धाक जम गयी। इसके कारण राजप्पा को कोई पूछता ही नहीं था। राजप्पा ,नागराजन से चिढ़ने लगा। अब उसका मन,पढाई लिखाई में नहीं लगता था। कक्षा में सभी लोग उसे चिढ़ाने लगे ,जिससे उसका मन विद्यालय भी जाने को नहीं कहता था।
राजप्पा ,एक दिन नागराजन के घर मिलने गया। घर पर नागराजन नहीं था। नागराजन की बहन ने बताया कि वह शहर गया हुआ है। अकेले कमरे में बैठे होने के कारण दराज में रखे हुए नागराजन के एलबम को राजप्पा ने चुरा लिया और कमीज के नीचे खोस कर घर भागा। शाम तक नागराजन और उसके सभी दोस्तों को खबर हो गयी है कि उसका एलबम चोरी हो गया है। एलबम लाकर राजप्पा ने अपने कमरे की आलमारी के पीछे छिपा दिया। वह बहुत डर गया था। उसे रात भर नींद नहीं आई। दूसरे दिन अप्पू ने बताया कि नागराजन की बहन बता रही है कि तुम्ही उसके कमरे में गए थे और सभी लोग तुम पर शक कर रहे हैं। उसके पिता पुलिस के दफ्तर में काम करते हैं। हो सकता है कि वे पुलिस की शिकायत करें। यह बातें सुनकर राजप्पा बहुत डर गया गया। अब हर आहट उसे पुलिस की लगने लगी। वह अम्मा के दरवाजा खटखटाने से डरने लगा। वह थक हार कर नागराजन ने एलबम को अंगीठी पर जला दिया। दूसरे दिन जब नागराजन ,उसके घर आया तो वह पश्चाताप से भरा हो के कारण अपना एलबम उसे सौंप दिया। नागराजन बार - बार मना करता रहा ,लेकिन राजप्पा नहीं माना और रोते रोते अपना एलबम उसे सौंप दिया।