अलबरूनी की दृष्टि में भारत कैसा था विस्तार से समझाइए
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अलबरूनी का भारत वर्णन
अलबरूनी ने भारत के बारे में जो वर्णन लिखा है, वह संक्षेप में नीचे लिखा जा रहा है.
सामाजिक स्थिति
अलबरूनी लिखता है कि सारा हिन्दू समाज जाति प्रथा के कड़े बन्धनों में जकड़ा हुआ था। उस समय बाल-विवाह और सती प्रथा की कुप्रथायें मौजूद थीं। विधवाओं को पुनः विवाह करने की आज्ञा नहीं थी ।
धार्मिक अवस्था
उसके वर्णन के अनुसार सारे देश में मूर्तिपूजा प्रचलित थी। लोग मन्दिरों को बहुत दान देते थे। मन्दिरों में बहुत-सा धन जमा था। साधारण जनता अनेक देवी-देवताओं में विश्वास रखती थी जबकि सुशिक्षित एवं विद्वान केवल एक ईश्वर में विश्वास रखते थे।
राजनीतिक जीवन
सारा भारत छोटे-छोटे राज्य में बंटा हुआ था। उनमें से कन्नौज, मालवा, गुजरात, सिन्ध, काश्मीर तथा बंगाल अधिक प्रसिद्ध थे। इनमें राष्ट्रीय भावना की कमी थी। ये आपस में ईर्ष्या के कारण सदैव लड़ते रहते थे।
न्याय व्यवस्था
फौजदारी कानून नरम थे. ब्राह्मणों को मृत्युदण्ड नहीं दिया जाता था. केवल बार-बार अपराध करने वाले के ही हाथ-पैर काट दिए जाते थे.
भारतीय दर्शन
भारतीय दर्शन से अलबरूनी बहुत प्रभावित हुआ. उसने भगवद्गीता और उपनिषदों के ऊंचे दार्शनिक विचारों की मुक्त कण्ठ से सराहना की है,
ऐतिहासिक ज्ञान
इतिहास लिखने के बारे में वह लिखता है कि,”भारतीयों को ऐतिहासिक घटनाओं को तिथि अनुसार लिखने के बारे में बहुत कम ज्ञान है और जब उनको सूचना के लिए अधिक दबाया जाए तो वे कथा-कहानी शुरू कर देते हैं.”
Answer:
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