अलग प्रकार के काल परिवर्तन
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काल की परिभाषा
क्रिया के जिस रूप में कार्य होने का समय पता चले उसे काल कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर वाक्य “मैं खाना खा चुका हूं” को देखा जा सकता है| इस वाक्य में “मैं” कर्ता हैं, खाना क्रिया है एवं “चुका हूं” द्वारा यह दर्शाया गया है कि यह क्रिया भूतकाल में क्रियान्वित की जा चुकी है| काल क्रिया किए जाने के समय को दर्शाता है| जैसे,
मैं खाना खा चुका हूं|
मैं खाना खा रहा हूँ|
मैं खाना खाऊँगा|
इन तीनों ही वाक्यों में कर्ता एवं क्रिया एक ही है लेकिन किए जाने का समय अलग अलग है| वह समय चुका, रहा एवं आऊंगा के कारण पता चल रहा है| जिस प्रकार यहां पर क्रिया को तीन कालों में किया गया है उसी प्रकार काल के तीन भेद होते हैं|
भूतकाल
वर्तमान काल
भविष्यकाल
काल के प्रकार
वर्तमान काल (Present tense)
वर्तमान में हो रही क्रिया को वर्तमान काल में रखा जाता है| इसका अर्थ होता है कि दर्शाई गई क्रिया उसी वक़्त में ही रही है| उदाहरण के तौर पर :-
राम जा रहा है|
श्याम खा रहा है|
मीना उसे मार रही है|
वह परीक्षा के लिए जा रहा है|
गाड़ी चल रही है|
मैं ट्रेन में बैठा हूँ|
ट्रेन रफ्तार पकड़ रही है|
घड़ी चल रही है|
श्याम लिख रहा है|
बल्ब जल रहा है|
वर्तमान काल के भेद
सामान्य वर्तमान काल :- यह क्रिया का सबसे सामान्य रूप है| यह सामान्य वर्तमान काल में होने वाली क्रिया को दर्शाता है| उदाहरण के तौर पर :- मैं लेख लिखता हूँ| वह खेल खेलता है|
अपूर्ण वर्तमान काल :- अपूर्ण वर्तमान काल, सामान्यतः सबसे अधिक क्रिया में प्रयोग किए जाने वाला काल है| यह एक क्रिया के वर्तमान काल में होने को दर्शाता है, और इसे अपूर्ण कहा जाता है क्यूंकि इसके दौरान क्रिया का परिणाम नहीं दिखाया जाता| उदाहरण के तौर पर :- मैं लेख लिख रहा हूँ| वह खेल रहा है|
पूर्ण वर्तमान काल :- वर्तमान काल के इस भेद में यह दर्शाया जाता है कि कार्य हो चुका है| इस कारण इसे पूर्ण क्रिया भी कहते है| उदाहरण के तौर पर :- मैंने लेख लिखा है| उसने खेल खेला है|
संदिग्ध वर्तमान काल :- वर्तमान काल के इस भेद में. क्रिया के वे शब्द आते हैं जिनसे यह पता चले कि क्रिया पूर्ण है या अपूर्ण यह संदिग्ध है उसे, “संदिग्ध वर्तमान काल” कहते हैं| उदाहरण के तौर पर :- वह लेख लिख रहा होगा| वह पढ़ रहा होगा|
तात्कालिक वर्तमान काल :- काल के जिस रूप से यह पता चलता है कि क्रिया वर्तमान काल में चल रही है उसे तात्कालिक वर्तमान काल कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- मैं लेख लिख रहा हूँ| वह खेल रहा है|
संभाव्य वर्तमान काल :- संभाव्य वर्तमान काल के दौरान क्रिया के पूर्ण होने की संभावना बनी रहती है, इस कारण इसे संभाव्य वर्तमान काल कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- मैं लेख लिखता हूँ| वह खेलता है|
भूतकाल (Past tense)
वे शब्द जिनसे क्रिया के हो चुकने का पता चले उन्हे भूतकाल कहते हैं| ऐसे वाक्यों में कर्ता द्वारा क्रिया को क्रियान्वित किया जा चुका होता है| उदाहरण के तौर पर :-
वह जा चुका था|
मैं ट्रेन में बैठा था|
बल्ब जल रहा था|
मीना उसे मार रही थी|
वह परीक्षा के लिए जा रहा था|
राम जा रहा था|
श्याम जा रहा था|
ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली थी|
गाड़ी चल रही थी|
भूतकाल के भेद
सामान्य भूतकाल :- यह भूतकाल का सबसे सामान्य रूप है| इस दौरान हम यह निश्चित नहीं कर सकते कि भूतकाल में यह कार्य किस समय किया गया है| उदाहरण के तौर पर :- शिवम आया| अनंत गया| उसने यह पाठ पढ़ा| रावण को मार दिया|
आसन भूतकाल :- आसन भूतकाल के दौरान यह पता चलता है कि क्रिया को पूर्ण हुए केवल कुछ समय ही हुआ है| उदाहरण के तौर पर :- उसने सेब खाया है| वह पढ़कर आई है|
पूर्ण भूतकाल :- पूर्ण भूतकाल के दौरान यह पता चलता है कि कार्य हो चुका है| उदाहरण के तौर पर :- मैं अभी लेख लिख रहा था| वे आम खा रही थीं|
अपूर्ण भूतकाल :- अपूर्ण भूतकाल के वाक्यों में यह ज्ञात नहीं होता कि कार्य हो चुका है, एवं इस दौरान कार्य अपूर्ण रहता है| जैसे :- वह गाड़ी चला रहा था| मैं सो रहा था|
संदिग्ध भूतकाल :- संदिग्ध भूतकाल के दौरान यह पता चलता है कि क्रिया संदिग्ध है, एवं यह निश्चित नहीं किया जा सकता है कि क्रिया हो चुकी है अथवा नहीं| उदाहरण के तौर पर :- वह गाड़ी चला रहा होगा| तू सो रहा होगा|
हेतुहेतुमद भूतकाल :- भूतकाल के वे वाक्य जो हो नहीं सके, उन्हे हेतुहेतुमद भूतकाल कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- अगर पैसे बचाए होते, तो यह दिन न देखना पड़ता|
भविष्य काल (Future tense)
वे शब्द जिनसे यह पता चले कि कर्ता ने अब तक क्रिया को क्रियान्वित नहीं किया है उन्हे भविष्यकाल के शब्द कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
वह चला जाएगा|
मैं परीक्षा जरूर दूँगा|
राम जाएगा|
श्याम खाएगा|
वह ट्रेन में बैठ जाएगा|
ट्रेन रफ्तार पकड़ लेगी|
बल्ब जल जाएगा|
नहर सुख जाएगी|
तुम चले जाओगे|
भविष्य काल के भेद
सामान्य भविष्यकाल :- सामान्य भविष्यकाल , उस रूप को कहा जाता है जिसमें यह पता चलता है कि कार्य सामान्य रूप से होगा| उदाहरण के तौर पर :- मैं चला जाऊंगा| वह कल कानपुर जाएगा|
संभाव्य भविष्य काल :- इस प्रकार के काल के वाक्यों में भविष्य में कुछ होने की संभावना होती है| उदाहरण के तौर पर :- दीपक कविता पढ़ेगा| प्रमोद गीत गाएगा| राधिका नाचेगी|
हेतुहेतुमद्भविष्य काल :– इस प्रकार का भविष्य काल, किसी एक क्रिया के होने पर दूसरी क्रिया को क्रियान्वित करता है| उदाहरण के तौर पर :- पैसे कमाओगे, तो खर्च करोगे| पैसे बचाओगे तो काम आएंगे