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लिखिए।
नवभारत टाइम्स' के संपादक के नाम ध्वनि प्रदूषण के संबंध में एक पत्र
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Explanation:
पाकिस्तान के लिए कयामत
पाकिस्तान के गुनाहो का अब हिसाब देना का समय आ गया है। अब आतंकवादियों की पीठ थपथपाने के उसके दिन लद गए हैं। अमेरिका ने उसे कई बार चेतावनी दी थी कि अपने आस्तीन में पल रहे सांपों को दूध पिलाना बंद करे। लेकिन वह बार-बार अमेरिका को उल्लू बनाता आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद की जड़ मजबूत करने वाला पाकिस्तान यह भूल गया कि जो वह सोच रहा है, वह उसके बस में नहीं है। पाकिस्तान की मदद के बिना आतंकवाद फल-फूल नहीं सकता है। कश्मीर की आजादी को लेकर पाकिस्तान ने हजारों निर्दोष लोगों के लहू से हाथ लाल किया है। नफरत से नफरत मिटती नहीं है। पाकिस्तान ने भारत पर अनेक बार युद्ध थोपा,लेकिन उसको सफलता नहीं मिली। उसे अब अपनी करनी का हिसाब देना पड़ेगा। वह अपनी धरती पर फल-फूल रहे आतकंवादियों के ठिकानों को नष्ट करके खुद को बेगुनाह साबित करे, अन्यथा दुनिया उसे आतंकवादियों का देश ही मानेगी।
कांतिलाल मांडोत, ईमेल से
लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिना अनुमति धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया है। अनुमति लेकर लाउडस्पीकर का उपयोग कौन करता है, यह अब समझ में आएगा। लोकतंत्र में सरकार और कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाता है, तभी भविष्य में पैदा होने वाली कई समस्याओं से पहले ही निबटा जा सकता है। ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाना अनिवार्य हो चुका है। देश में इस प्रदूषण की समस्या बहुत गंभीर है। देश का एक राज्य ध्वनि प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए निर्णय ले सकता है तो बाकी राज्यों को भी उसके कदम से कदम मिलाने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। देश का एक राज्य यदि ऐसा निर्णय ले सकता है तो बाकी राज्यों को भी हिचकिचाना नहीं चाहिए।