अलकनंदा नदी का स्वरूप कैसा है
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अलकनंदा नदी
अलकनंदा नदी एक बेहद प्राचीन और महत्वपूर्ण नदी है। यह गंगा की सहायक नदी है। अलकनंदा नाम गंगा के चार प्रमुख नामों में से एक है।
अलकनंदा नदी का उद्गम स्थल सतोपंथ हिमनद अर्थात ग्लेशियर और भागीरथी खारक के संगम पर 38080 मीटर की ऊंचाई पर है। सतोपंथ एक त्रिकोणीय झील है जो समुद्र तल से 4402 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका नाम हिंदू त्रिमूर्ति देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश के नाम पर रखा गया है।
अलकनंदा नदी गंगा के चार नामों में से एक प्रमुख नाम है। गंगा को गंगोत्री में भागीरथी के नाम से जाना जाता है, केदारनाथ में मंदाकिनी के नाम से जाना जाता है, बद्रीनाथ में इसे अलकनंदा नदी के नाम से जाना जाता है ।
गढ़वाल में इसे गढ़वाल की रानी के रूप में भी जाना जाता है। पंच प्रयाग में अलकनंदा नदी के साथ कई अन्य नदियां मिलकर विलीन हो जाती हैं। इन्हें नदियों का पवित्र संगम भी कहा जाता है। यह नदी विष्णुप्रयाग में धोली गंगा नदी, नंदप्रयाग में नंदिनी नदी, कर्णप्रयाग में पिंडर नदी, रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी से मिलकर अंत में देवप्रयाग में भागीरथी नदी से मिल जाती है। फिर दोनों नदियां मिलकर आधिकारिक रूप से गंगा नदी बन जाती हैं।