Hindi, asked by pranavsharma3859, 2 months ago

all alankars used in class 10 hindi kabir ki sakhi

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Answered by maheshsingha553
6

Answer:

ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ। अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होइ।। व्याख्या: कबीरदास जी कहते हैं कि हमें ऐसी बोली बोलनी चाहिए जो हमारे हृदय के अहंकार को मिटा दे अर्थात जिसमें हमारा अहं न झलकता हो, जो हमारे शरीर को भी ठंडक प्रदान करे तथा दूसरों को भी सुख प्रदान करे।

Answered by snehaprajnaindia204
37

Answer:

{\bf{\large{\underline{ ☆ उत्तर ☆ }}}}

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  • - "बानी -बोलिये" में अनुप्रास अलंकार है।

  • " कस्तूरी-कुंडली", "दुनिया-देखे" - में अनुप्रास अलंकार है।

  • "घटि -घटि " में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

  • "हरि है", "दीपक देख्या" में अनुप्रास अलंकार है।

  • "मै" शब्द अहं भाव के लिए प्रयोग किया गया है।

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